गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में आरोपी लूथरा ब्रदर्स की भारत वापसी पर बड़ा अपडेट सामने आया है। डिपोर्टेशन प्रक्रिया अंतिम चरण में है और गोवा पुलिस को अगले हफ्ते उनकी कस्टडी मिलने की उम्मीद है। 25 मौतों के इस मामले में जांच तेज़ है।
पणजी। गोवा के चर्चित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में लगी भीषण आग के बाद फरार हुए लूथरा ब्रदर्स को लेकर बड़ा सवाल यही है कि क्या अब वे ट्रायल से बच पाएंगे या जल्द भारत लाए जाएंगे? गोवा पुलिस ने इस मामले में ताज़ा अपडेट साझा किया है, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की भारत वापसी अब दूर नहीं है।
आग के बाद फरारी ने क्यों बढ़ाया शक?
जांच अधिकारियों के मुताबिक, जिस तेज़ी से लूथरा ब्रदर्स ने देश छोड़ा, उसने पूरे केस को और संदिग्ध बना दिया। बताया जा रहा है कि आग लगने के महज़ दो घंटे के भीतर, यानी रात करीब 1:17 बजे, दोनों भाइयों ने थाईलैंड के लिए फ्लाइट टिकट बुक कर लिए और सुबह 5:30 बजे भारत से निकल गए। यही जल्दबाज़ी अब जांच की सबसे अहम कड़ी बन चुकी है।
थाईलैंड में हिरासत, भारत वापसी की उलटी गिनती?
गोवा पुलिस के अनुसार, लूथरा ब्रदर्स का डिपोर्टेशन प्रोसेस फिलहाल जारी है और पुलिस लगातार सेंट्रल एजेंसियों के संपर्क में है। पुलिस को उम्मीद है कि अगले हफ्ते की शुरुआत में दोनों भाइयों को भारत लाया जा सकता है, जहां उन्हें सीधे कस्टडी में लेकर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भारतीय एजेंसियों द्वारा पासपोर्ट ज़ब्त किए जाने और इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद गुरुवार को थाई अधिकारियों ने दोनों को हिरासत में लिया था।
कैसे लगी आग? एक शो बना मौत का कारण?
यह दर्दनाक हादसा अरपोरा इलाके में स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में रात करीब 11:45 बजे हुआ। जांच में सामने आया है कि बेली डांस परफॉर्मेंस के दौरान इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रिकली ट्रिगर्ड पायरोगन से आग भड़की। आग तेजी से फैलने के पीछे कई गंभीर कारण बताए जा रहे हैं:
- छप्पर की आग पकड़ने वाली छत।
- क्लब के अंदर शराब का भारी स्टॉक।
- इमरजेंसी एग्जिट की भारी कमी।
इन सबने मिलकर कुछ ही मिनटों में नाइट क्लब को मौत के जाल में बदल दिया। 25 मौतें, कई परिवार उजड़ गए। इस हादसे में दिल्ली के एक ही परिवार के चार सदस्यों समेत 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। कई लोग बाहर निकलने का रास्ता न मिलने के कारण अंदर ही फंस गए।
अब तक 7 गिरफ्तार, जांच का दायरा बढ़ा
जांच आगे बढ़ने पर पुलिस ने अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार क्लब मैनेजर, क्लब के को-ओनर अजय गुप्ता, को-ओनर भरत सिंह कोहली और अजय गुप्ता, जो खुद को “साइलेंट पार्टनर” बताते हैं, फिलहाल सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं।
फर्जी दस्तावेज़ और पंचायत की भूमिका
पुलिस का दावा है कि नाइट क्लब की परमिशन के लिए फर्जी लैंड एग्रीमेंट जमा किया गया था, जबकि उस प्रॉपर्टी को लेकर पहले से कानूनी विवाद चल रहा था। इसी वजह से अब गांव के सरपंच रोशन रेडकर पंचायत सेक्रेटरी रघुवीर बागकर भी जांच के दायरे में हैं। उनकी अग्रिम जमानत पर सुनवाई 16 दिसंबर तक टाल दी गई है।
किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?
रविवार सुबह दर्ज FIR में आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत गैर-इरादतन हत्या, जान को खतरे में डालने वाले कृत्य और आग से सुरक्षा नियमों में गंभीर लापरवाही जैसे आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा, एक अलग मजिस्ट्रेट जांच उन सरकारी अधिकारियों की भूमिका भी खंगाल रही है जिन्होंने नियमों के बावजूद क्लब को मंजूरी दी।
बड़े सवाल अब भी बाकी
जब गोवा लूथरा ब्रदर्स की वापसी का इंतजार कर रहा है, तब सबसे बड़ा सवाल यही है-एक मशहूर नाइटलाइफ़ डेस्टिनेशन कैसे चुपचाप मौत का अड्डा बन गया? और क्या इस हादसे से पहले मिले चेतावनी संकेतों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया? इन सवालों के जवाब शायद लूथरा ब्रदर्स की भारत वापसी के बाद ही सामने आएंगे।


