सार
फडणवीस ने कहा, "लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था।" उन्होंने कहा, मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा।"
मुंबई. महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव के नतीजे आ गए हैं और सत्ता में काबिज मौजूदा गठबंधन ने बहुमत भी हासिल कर लिया है मगर अभी तक नई सरकार का स्वरूप तय नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा और शिवसेना में तनातनी है।
इस बीच मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि वही अगले पांच साल के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। फडणवीस ने कहा, "लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था।" उन्होंने कहा, मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा।"
बीजेपी सांसद ने शिवसेना में टूट की बात कही
इस बीच बीजेपी सांसद संजय ककाड़े ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं। एक टीवी बातचीत के दौरान राज्यसभा सदस्य ककाड़े ने दावा किया कि ‘‘शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। वे हमें फोन कर कह रहे हैं कि उन्हें सरकार में शामिल कर लें।’’
शिवसेना और बीजेपी में चल रही बयानबाजी
ककाड़े ने यह भी कहा कि शिवसेना के विधायक कह रहे हैं कि चाहे जो भी किया जाए, ‘‘लेकिन हम भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं।’’ बताते चलें कि महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है।
सत्ता में बराबर की भागीदारी का फार्मूला गायब
21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायकों की संख्या 2014 की तुलना में घट गई जिसके बाद शिवसेना सत्ता में बराबर की भागीदारी पर जोर दे रही है। शिवसेना ने राज्य में अगली गठबंधन सरकार बनाने का दावा करने के बारे में बातचीत करने से पहले भाजपा से ‘‘सत्ता में बराबर की भागीदारी के फार्मूले ’’ के कार्यान्वयन का लिखित आश्वासन मांगा है।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। शरद पवार की राकांपा ने 54 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से 44 सीटें आई हैं।