महाराष्ट्र में शिवसेना का विवाद अब शरद पवार बनाम बीजेपी बनती दिख रही है। महाअघाड़ी सरकार बचाने के लिए शरद पवार के कमान संभालते ही बीजेपी नेता भी सक्रिय हो गए हैं। एक तरफ जहां शरद पवार ने साफ कहा कि वह सरकार बचाने की हर कोशिश करेंगे। शरद ने बागियों को जवाब देते हुए कहा कि उनको बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। शरद पवार के बागियों पर बयान के बाद वाकयुद्ध में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे कूद पड़े हैं। राणे ने शरद पवार को सीधी चुनौती दे डाली है। पवार को खुली चुनौती देते हुए नारायण राणे ने कहा कि बागी विधायक मतदान करने सभागृह में आएंगे यदि उनका बाल भी बांका हुआ तो ऐसा करने वाले का घर पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा।
Maharashtra Crisis: शरद पवार को नारायण राणे की चुनौती, घर पहुंचना हो जाएगा मुश्किल
मुंबई. Maharashtra Political Crisis:शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे की 'राजनीति चालों' को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समझने में नाकाम रहे हैं। आखिरकार 22 जून की देर रात सरकारी आवास 'वर्षा' छोड़कर वे मातोश्री शिफ्ट हो गए। उनके साथ मां रश्मि ठाकरे, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बेटा आदित्य ठाकरे और भाई तेजस ठाकरे भी थे। इस बीच एकनाथ शिंदे ने अपने साथ 49 विधायकों के साथ होने का दावा किया है। उनके साथ 2 कैबिनेट मंत्री भी हैं। एकनाथ शिंदे 49 विधायकों के साथ दिखे हैं। इनमें से 42 शिवसेना के और 7 निर्दलीय हैं। अब लोगों की निगाहें शिवसेना और एकनाथ शिंदे के अलावा NCP, कांग्रेस और भाजपा की अगली रणनीति पर टिकी हुई हैं। पढ़िए नया घटनाक्रम...
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महाराष्ट्र में महाअघाड़ी सरकार को गिराने के लिए शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे का बागी विधायकों से बातचीत का एक वीडियो जारी हुआ है। इस वीडियो में वह बीजेपी का नाम लिए बगैर एक महाशक्ति उनके साथ खड़ा है, कहते नजर आ रहे हैं। शिंदे ने विधायकों से कहा कि हमारे हर निर्णय के साथ एक महाशक्ति, राष्ट्रीय दल खड़ा है। कुछ भी कम नहीं पड़ने देंगे वे, वह हर कदम पर, हर समय साथ खड़े हैं।
शिवसेना में बगावत की वजह से संकट में घिरी महाअघाड़ी सरकार को लेकर शरद पवार ने साफ किया है कि बिना फ्लोर टेस्ट के सरकार के अल्पमत में होने का दावा करना गलत है। उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत परीक्षण के बाद ही तय हो सकेगा कि किसके पास बहुमत है और कौन अल्पमत में है।
शिवसेना में टूटन को रोकने के लिए अब उद्धव गुट, बागी गुट की बात मानने को तैयार होता दिख रहा है। एक दिन पहले ही बागी गुट के नेता शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत में एक शर्त रखी थी कि शिवसेना कांग्रेस व एनसीपी से गठबंधन तोड़े। गुरुवार को शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि बागी अगर वापस आते हैं तो पार्टी एनसीपी व कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने को तैयार है।
NCP नेता अजीत पवार ने कहा कि हम सरकार बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम मजबूती के साथ उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हैं। हम आखिरी समय तक उनके साथ खड़े रहेंगे। एनसीपी ने विकास कार्यों में कभी अड़ंगा नहीं लगाया। सरकार बचाने की जिम्मेदारी गठबंधन के तीनों दलों की है। हम पूरी तरह शिवसेना का साथ देंगे। हमारे सभी विधायक एकजुट हैं।
NCP प्रमुख शरद पवार ने पार्टी के नेताओं की बैठक के बाद कहा है कि उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने तक हम महाविकास आघाडी सरकार के साथ रहेंगे। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने शाम सात बजे अपने घर मातोश्री में पार्टी की बैठक बुलाई है। इसमें शिवसेना के जिला स्तरीय नेताओं को बुलाया गया है।
शिवसेना के बागी विधायक तानाजी सावंतो ने कहा है कि विधायक कैलाश पाटिल कहानियां गढ़कर 'मातोश्री' (उद्धव ठाकरे) की हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वह मीडिया के सामने झूठ बोल रहे हैं। हमने उनके सूरत से मुंबई लौटने की व्यवस्था की थी। एकनाथ शिंदे ने किसी विधायक को अपने साथ आने के लिए मजबूर नहीं किया।
राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा है कि अगर कुछ लोग बाहर जाना चाहते हैं तो वे किसी तरह ऐसा करने का कारण खोज लेंगे। एक पार्टी द्वारा चलाई जाने वाली सरकार में भी आंतरिक कलह हो सकती है। यहां 3 अलग-अलग पार्टियां हैं। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सरकार को अस्थिर कर दिया जाए। हम शरद पवार के नेतृत्व वाले एमवीए में हैं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं। अगर हम सत्ता में नहीं रहते हैं तो विपक्ष में रहकर लड़ेंगे।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मेरी पार्टी महा विकास अघाड़ी के साथ खड़ी होगी। हम साथ काम करना चाहते हैं। वर्तमान महाराष्ट्र सरकार राज्य में विकास कार्य कर रही है। बीजेपी महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पहले भी कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गोवा में ऐसा ही किया था।
शिवसेना में बगावत का सिलसिला जारी है। गुरुवार को तीन और विधायकों ने शिवसेना के बागी गुट को ज्वाइन कर लिया।
शाम पांच बजे कांग्रेस की बैठक होगी। इस बैठक में कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने गठबंधन को लेकर अहम फैसला कर सकती है। दरअसल, शिवसेना में फूट के बाद बागी गुट लगातार कांग्रेस गठबंधन तोड़ने और बीजेपी के साथ जाने के लिए दबाव बना रहा है। दल का अस्तित्व बचाने के लिए उद्धव ठाकरे समझौता करना चाहते हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर विधायक आकर कहते हैं तो उनकी पार्टी गठबंधन से अलग हो जाएगी।
प्रेस कान्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा-बहुमत का पूरा भरोसा, मुंबई लौटना चाहते हैं विधायक। हम 21 विधायकों के संपर्क में है। फ्लोर टेस्ट में सच सामने आ जाएगा। हम असली शिवसैनिक हैं। शक्ति प्रदर्शन से कोई फर्क नहीं पड़ता। जीत हमारी होगी। राउत ने दावा किया 24 घंटे के अंदर बागी विधायक लौट आएंगे।
असम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई ने कहा-मैं पूछना चाहता हूं कि क्या उनके इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह होटलों के भाड़े से बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करेगी? क्या आपने प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से राहत राशि की मांग की? अगर राज्य की अर्थव्यवस्था इतनी खराब है तो क्या आपने उनसे मदद मांगी? हमें जब केंद्र सरकार से मानवीय मदद की ज़रूरत थी तब उनमें सिर्फ सत्ता की भूख और लालच दिखाई दी। असम के मुख्यमंत्री कहते हैं कि बाहर से जब लोग आएंगे, होटल में रुकेंगे तो राजस्व बढ़ेगा जिससे हम बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद कर पाएंगे।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र भाजपा एक्टिव मोड में है। एक बैठक के बाद भाजपा ने शिंदे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है। केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की बात कही गई है।
शिवसेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस: संजय राउत ने कहा कि वे विधायकों से संपर्क में हैं। हमारे विधायकों को अगवा किया गया है। उद्धव ठाकरे जल्द वर्षा(सरकारी आवास) में लौटेंगे।
एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में मौजूद विधायकों का एक ग्रुप वीडियो और फोटो सामने आया है। इसमें 42 विधायकों के होने की बात कही जा रही है। विधायक एकसाथ बैठकर शिवसेना जिंदाबाद, बाला साहेब ठाकरे की जय के नारे लगा रहे हैं। इसमें शिवसेना के बागी विधायकों के साथ निर्दलीय विधायक भी सम्मिलित हैं।
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पणजी में कहा-हमारे पार्टी के महाराष्ट्र और केंद्र के नेता इस पर नज़र बनाए हुए हैं और वे (देवेंद्र फडणवीस) महाराष्ट्र के हित में जो भी निर्णय होगा वह देवेंद्र जी लेंगे।
मातोश्री में सीएम उद्धव द्वारा बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग में सिर्फ 12 विधायक पहुंचने से शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है। अब आदित्य ठाकरे सहित कुल 13 विधायकों ही शिवसेना के पास बचे हैं। यानी अब पार्टी के दो टुकड़े होने के पूरे आसार हैं।
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर कई सवाल उठाए हैं। इसमें हिंदुत्व से पीछ हटने के अलावा उनके अपमान बात भी कही है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं, तो पार्टी ने उन्हें अयोध्या क्यों नहीं जाने दिया?
इधर, गुरुवार सुबह एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर पर एक अहम बैठक हुई। बैठक के बाद पार्टी नेता और राज्य सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने दावा किया कि अभी फ्लोर टेस्ट की नौबत नहीं आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बागी विधायक वापस लौटेंगे।