सार
इन चार न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ ही शीर्ष न्यायालय में सीजेआई सहित न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर 34 हो गई। अब कई मामलों पर तेजी से सुनवाई हो सकेगी और लोगों को जल्दी न्याय
मिल सकेगा।
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय के चार नये न्यायाधीशों के सोमवार को शपथ ग्रहण करने के साथ शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर 34 हो गई है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अदालत कक्ष-1 में एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट, न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट में पूरी हुई न्यायधीशों की संख्या
इन चार न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ ही शीर्ष न्यायालय में सीजेआई सहित न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर 34 हो गई। न्यायालय में न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या 34 है। न्यायमूर्ति मुरारी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के, न्यायमूर्ति भट्ट (राजस्थान उच्च न्यायालय), न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यन (हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय) और न्यायमूर्ति रॉय केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। इन न्यायधीशों की नियुक्ति के बाद अब कई मामलों पर तेजी से सुनवाई हो सकेगी और लोगों को जल्दी न्याय मिल सकेगा। गौरतलब है कि देश में अभी भी जज़ के कई पद खाली हैं और लोगों को न्याय मिलने में समय लगता है।
बुधवार को केन्द्र ने दी थी मंजूरी
केंद्र ने बुधवार को इन चारों न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 30 अगस्त को उनकी पदोन्नति की सिफारिश की थी।प्रधान न्यायाधीश द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के लिए पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद ये नियुक्तियां की गई। कानून मंत्रालय ने इस साल 11 जुलाई को राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि शीर्ष न्यायालय में 59,331 मामले लंबित हैं। गुरुवार को शीर्ष न्यायालय ने कहा कि मामलों की सुनवाई के लिए उसने दो अतिरिक्त अदालत कक्ष बनाये हैं।
सुप्रीम कोर्ट में अब 17 अदालत कक्ष
पिछले हफ्ते न्यायालय के एक परिपत्र में कहा गया, ‘‘सभी संबद्ध (लोगों) को यह सूचित करने के लिए यह (सर्कुलर) वितरित किया जाता है कि मौजूदा अदालत कक्ष-10 के पास दो अतिरिक्त अदालत कक्ष बनाये गये हैं, जिनकी (नये अदालत कक्षों की) संख्या 16 और 17 रखी गई है।’’ शीर्ष न्यायालय में अब तक 15 अदालत कक्ष थे।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)