सार
ममता बनर्जी सोमवार से दिल्ली प्रवास पर हैं. वह दो साल बाद पांच दिनी यात्रा पर यहां पहुंची हैं. पश्चिम बंगाल में तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ममता ने मोदी सरकार के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है.वह विपक्ष को एकजुट करने में जुटी हुई हैं. ममता बनर्जी बीते दिनों टीएमसी संसदीय दल की नेता भी चुनी गई थीं.
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) का दिल्ली प्रवास जारी है। तीसरे दिन ममता ने कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की है। सोनिया से मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे। काफी देर तक नेताओं में चाय पर चर्चा करते हुए भविष्य की विपक्षी रणनीतियों पर बात की।
बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने पहुंची ममता बनर्जी ने साफ किया कि सोनिया गांधी भी विपक्षी एकजुटता के पक्ष में हैं। कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों पर भरोसा है और छोटी पार्टियों को कांग्रेस पर। उन्होंने कहा कि बीजेपी को जवाब देने के लिए विपक्ष को मजबूत लड़ाई लड़नी होगी। तभी इतिहास बनेगा। 2024 के आम चुनाव में हमें उम्मीद है कि बड़ा बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स में बदलाव होता रहता है और जब राजनीतिक तूफान आता है तो फिर स्थितियों केा संभालना कठिन होता है। बीजेपी को भी अब इस तूफान का सामना करना है।
ममता ने कहा कि विपक्ष के सारे नेताओं से अच्छे संबंध, आएंगे साथ
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्ष मजबूत होगा। सारे गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों से उनके संबंध अच्छे हैं और सभी एक साथ आएंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के हेमंत सोरेन से काफी अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में अब एक राजनीतिक आंधी केंद्र सरकार के खिलाफ चलने जा रही है जिसे कोई रोक नहीं पाएगा। छह महीने में आप नतीजे देखिएगा।
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