सार

बेटे ने बताया कि, पापा कोरोना वायरस को लेकर बेहद घबरा गए थे और मानने लगे थे कि वह परिवार और गांव के लिए खतरा हैं। बेटे ने कहा, "जब हमने उनके नज़दीक जाने की कोशिश की तो उन्होंने हम पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। 

भुवनेश्वर. कोरोनावायरस का कहर अब दुनिया भर में फैल चुका है। चीन में इस जानलेवा वायरस से अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 40 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित बताए जा रहे हैं। वायरस को लेकर दुनिया के दूसरे देशों में भी सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच भारत में भी कोरोना को लेकर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। आंध्रप्रदेश के चित्तूर में एक शख्स ने खुद को कोरोना वायरस से संक्रमित समझ आत्महत्या कर ली। शख्स की मौत हो चुकी है। 

थोट्टमबेडु गांव के रहने वाले 54 वर्षीय बालकृष्णैया मेडिकल परामर्श के लिए रुइया गवर्नमेंट जनरल अस्पताल गए थे। वह यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से पीड़ित थे लेकिन उन्हें संदेह था कि उसकी बीमारी के लक्षण कोरोनावायरस के हैं और इसी शक के घेरे में आकर उन्होंने खुद की जान ले ली। 

मैं गांव के लिए खतरा हूं सोच लगा ली फांसी

परिवार के सदस्यों ने डरा देने वाली पूरी कहानी सुनाई है। उन्होंने बताया कि, डॉक्टरों के साथ बातचीत के बाद हुई ग़लतफहमी से उन्होंने मान लिया वह कोरोनोवायरस से संक्रमित थे। बालकृष्णैया के बेटे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हमनें उन्हें बताया कि वह कोरोनोवायरस से संक्रमित नहीं हैं, लेकिन उन्होंने हमें अपने पास आने से रोक दिया। उन्होंने सभी ग्रामीणों को ख़ुद से दूर रहने के लिए कहा और यह भी कहा कि अगर वे उनके करीब आएंगे तो उनके बच्चे भी इससे संक्रमित हो जाएंगे।"

कोरोना का कहर

उनकी पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उन्हें संक्रमण है और अन्य संक्रमणों से बचने के लिए उन्होंने फेस मास्क पहनने के लिए कहा। पत्नी ने कहा, "वे ज्यादा जागरूक नहीं थे। उन्होंने शनिवार शनिवार से अजीब व्यवहार करना शुरू कर दिया और सोमवार सुबह उन्होंने ख़ुद को मार डाला।" 

बच्चों और पत्नी को रखा खुद से दूर

बेटे ने बताया कि, पापा कोरोना वायरस को लेकर बेहद घबरा गए थे और मानने लगे थे कि वह परिवार और गांव के लिए खतरा हैं। बेटे ने कहा, "जब हमने उनके नज़दीक जाने की कोशिश की तो उन्होंने हम पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना जीवन खत्म करने की जरूरत है क्योंकि वह गांव के लिए खतरा थे। 

चित्तूर के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (डीएमएचओ) डॉ. एम. चेंचुलैया ने कहा कि राज्य भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "जिले या राज्य में कहीं भी कोरोनावायरस के मामले नहीं हैं। हम अख़बार के माध्यम से रोजाना जागरूकता फैला रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों को इस संबंध में जानकारी दी जाए।" 

वायरस से जुड़ी अफवाहों से रहें दूर

कोरोनावायरस  मर्स (MERS) और सार्स (SARS) जैसी महामारी से ही जुड़ा हुआ वायरस है। इस संक्रमण के लक्षण बहुत ही सामान्य सर्दी के होते हैं: खांसी, सर्दी, नाक बहना और बुखार। इससे बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में अभी तक कोरोना वायरस का कोई केस सामने नहीं आया है ऐसे में लोग इस बीमारी को लेकर जागरूक रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।