सार

माणिक साहा (Manik Saha) ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। सीएम के रूप में साहा पर राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी होगी।

अगरतला। भाजपा नेता माणिक साहा (Manik Saha) ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। अगले साल त्रिपुरा में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। सीएम के रूप में साहा पर बीजेपी की चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेदारी होगी। शपथ ग्रहण के बाद माणिक साहा ने कहा कि हम पीएम मोदी और बीजेपी के विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ेंगे। हम त्रिपुरा के लोगों के मुद्दों को हल करने के साथ-साथ राज्य में कानून-व्यवस्था को भी बढ़ाएंगे। हमारे लिए कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है।

दरअसल, बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को त्रिपुरा के सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद साहा को सीएम के रूप में नामित किया गया था। देब के अब भाजपा के त्रिपुरा अध्यक्ष का पद संभालने की संभावना है। मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किए जाने के बाद माणिक साहा ने ट्विटर पर घोषणा की कि वह विधायकों के समर्थन के पत्र के साथ राज्य के राज्यपाल से मिले हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "बीजेपी के विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के बाद राजभवन में माननीय राज्यपाल से मुलाकात की और अपनी पार्टी के विधायकों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया।"

 

 

यह कहा जाता है कि देब ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में माणिक साहा के नाम का प्रस्ताव रखा था। साहा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले 'माणिक' नहीं हैं। उनसे पहले, माकपा के माणिक सरकार ने 2018 तक 20 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था।

कौन हैं माणिक साहा?
साहा लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से मैक्सिलोफेशियल सर्जन हैं। 2016 में भाजपा में शामिल होने से पहले वह विपक्षी कांग्रेस के सदस्य थे और देब के पद छोड़ने के बाद 2020 में उन्हें भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रमुख के रूप में नामित किया गया था। पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।

अमित शाह से मिलने के बाद बिप्लब देब ने दिया था इस्तीफा 
बता दें कि बिप्लब देब ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के एक दिन इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे का फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से लिया गया था। अपने इस्तीफे के बाद देब ने कहा था कि हमें त्रिपुरा में भाजपा को लंबे समय तक सत्ता में रखने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा था कि पार्टी (बीजेपी) सबसे ऊपर है। मैंने पीएम मोदी के नेतृत्व और निर्देशन में पार्टी के लिए काम किया है। मैंने पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख और सीएम के रूप में त्रिपुरा के लोगों के साथ न्याय करने की कोशिश की है। मैंने शांति, विकास सुनिश्चित करने और राज्य को कोविड संकट से बाहर निकालने की कोशिश की है।

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