सार
इंफाल और आसपास की घाटी में हिंसा भड़कने की वजह कुछ गिरफ्तारियां है। 16 सितंबर को सुरक्षा बलों की वर्दी में और अत्याधुनिक हथियारों के साथ पकड़े गए पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद से स्थिति बिगड़ने लगी है।
Manipur Violence spiked: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। राज्य की राजधानी इंफाल सहित घाटी के कुछ हिस्सों में एक बार फिर हिंसा बढ़ गई है। कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झड़प के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस झड़प में कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
सिक्योरिटी फोर्सेस की वर्दी और आधुनिक हथियारों के साथ पांच अरेस्ट
दरअसल, इंफाल और आसपास की घाटी में हिंसा भड़कने की वजह कुछ गिरफ्तारियां है। 16 सितंबर को सुरक्षा बलों की वर्दी में और अत्याधुनिक हथियारों के साथ पकड़े गए पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद से स्थिति बिगड़ने लगी है। इसके चलते घाटी के इलाकों में व्यापक विरोध और प्रदर्शन हुए। हिरासत में लिए गए लोगों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए स्थानीय लोगों ने मंगलवार से घाटी में 48 घंटे का लॉकडाउन कर दिया। सोमवार को अनौपचारिक हड़ताल थी।
गुरुवार दोपहर, महिला प्रदर्शनकारियों ने हिरासत में लिए गए लोगों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए पांच घाटी जिलों के पुलिस स्टेशनों तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि यदि उनको रिहा नहीं किया गया तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। तमाम जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच के बीच टकराव भी हुए। तमाम जगहों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
सिंजामेई में 10 लोग घायल
छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस के आह्वान पर हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए। इन लोगों ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी में घुसने की कोशिश की। पुलिस स्टेशनों के बाहर भीड़ और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस हिंसा में कम से कम दस लोग घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
कर्फ्यू रद्द
उधर, राज्य में बढ़ती हिंसा को देखते हुए राज्य प्रशासन ने कर्फ्यू में छूट को रद्द कर दिया है। सभी बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मणिपुर में 3 मई से ही जातीय हिंसा हो रही है जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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