सार
मणिपुर में दो महिलाओं को नंगा कर भीड़ द्वारा यौन अत्याचार किए जाने और परेड कराए के वायरल वीडियो ने पूरे देश को झकझोर दिया है। करीब दो महीने बाद वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने आनन फानन में गिरफ्तारी की है।
Manipur women nude parade viral video: मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं को नंगा कर भीड़ द्वारा परेड कराए जाने और उनके साथ यौन हिंसा की वायरल वीडियो की जांच अब सीबीआई के हवाले कर दी गई है। कई दिनों से संसद में हंगामा और पूरे देश में आक्रोश के बाद गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। 4 मई को यह घटना हुई थी।
बीते दिनों मणिपुर में एक भयावह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वायरल वीडियो ने पूरे देश के आवाम को हिलाकर रख दिया। वायरल वीडियो में कि पुरुषों की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है। पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार, भीड़ ने महिलाओं के साथ गैंगरेप किया। 4 मई को हुई यह घटना राज्य की राजधानी इम्फाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी। पीड़िताओं में शामिल एक युवती के सामने ही उसके भाई और पिता की हत्या कर दी गई। उसके साथ गैंगरेप किया गया। पढ़िए पूरी खबर...
वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा
वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया। इस वीडियो ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की इस्तीफा की मांग होने लगी। आक्रोश को देखते हुए मणिपुर पुलिस आनन फानन में सक्रिय हुई। बिना देर किए कार्रवाई शुरू की। अगले दिन देर शाम तक आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध आरोपियों को अरेस्ट किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
मणिपुर (Manipur video) में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सड़क पर नग्न महिलाओं का परेड कराए जाने पर चिंता जताई और सरकार को कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे। यह वक्त सरकार का है कि वह आगे आए और कार्रवाई करे। संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बहुत ही परेशान करने वाली घटना है। सांप्रदायिक लड़ाई में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक का सबसे बड़ा अपमान है। राज्य और केंद्र सरकार बताएं कि क्या कार्रवाई की गई। नहीं तो कोर्ट द्वारा कदम उठाए जाएंगे। हम इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेंगे।”
संसद भी नहीं चल रहा
मणिपुर घटना को लेकर संसद में भी गतिरोध है। मानसून सत्र का पांच दिन इस मुद्दे पर बहस और पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर भेट चढ़ चुका है। विपक्ष चाहता है कि संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हो और इसके पहले पीएम मोदी आकर संसद में बयान दें। पांच दिनों से विपक्षी सांसद इस मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे और संसद कुछ ही देर में स्थगित कर दिया जा रहा है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ही विपक्ष ने रणनीतिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाया है। स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। चर्चा के पहले अब आनन फानन में बड़ी कार्रवाईयां शुरू कर दी गई हैं जिसके तहत गृह मंत्रालय ने सीबीआई को इस मामले को सौंप दिया है।
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