सार

उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण को लेकर संघ को नसीहत दी है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस आरक्षण-विरोधी मानसिकता त्याग दे, तो बेहतर होगा।

नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण को लेकर संघ को नसीहत दी है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस आरक्षण-विरोधी मानसिकता त्याग दे, तो बेहतर होगा। भागवत ने रविवार को कहा था कि आरक्षण के पक्ष वालों और इसके खिलाफ लोगों को सौहार्दपूर्ण तरीके से इस पर विमर्श करना चाहिए।

मायावती ने कहा, आरएसएस का एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण के सम्बंध में यह कहना कि इसपर खुले दिल से बहस होनी चाहिए, संदेह की घातक स्थिति पैदा करता है जिसकी कोई जरूरत नहीं है। आरक्षण मानवतावादी संवैधानिक व्यवस्था है जिससे छेड़छाड़ अनुचित व अन्याय है। संघ अपनी आरक्षण-विरोधी मानसिकता त्याग दे तो बेहतर है।


इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरक्षण पर बयान को लेकर संघ और भाजपा पर निशाना साधा। 


पहले भी आरक्षण पर मेरी बात को लेकर बवाल मचा- भागवत
भागवत ने कहा कि उन्होंने आरक्षण को लेकर पहले भी बात की थी। इस पर काफी बवाल मचा औप असली मुद्दा भटक गया। भागवत ने कहा, जो भी आरक्षण के पक्ष में है, या इसका विरोध करता है, दोनों को एक दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत करना चाहिए। इस मसले पर समाज के विभिन्न वर्गों में सौहार्द बनाने की जरूरत है। 

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भी भागवत ने आरक्षण पर राय रखी थी
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भागवत ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पैरवी की थी। उन्होंने आरक्षण नीति की समीक्षा करने की वकालत भी की थी। इसे लेकर काफी विवाद हुआ। भाजपा को राज्य में मिली हार की वजह भी भागवत के इस बयान को माना गया।