सार
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। मलिक 300 करोड़ रुपये के घूसकांड को लेकर अपनी बातों पर कायम हैं। वह पीएम मोदी को इस बाबत जानकारी पहले ही देने की बात कहते रहे हैं।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार के आरोपों (Allegations of Corruption in Jammu Kashmir) की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी जांच (Central investigating agency) का स्वागत करते हुए, मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya pal Malik) ने कहा कि जब वह राज्यपाल थे तो दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें पेशकश किए गए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को सूचित किया था। उन्होंने कहा, "पीएम ने मेरा समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।"
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पिछले महीने के अंत में जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी से संपर्क करने के बाद सत्य पाल मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच शुरू की थी।
सार्वजनिक कार्यक्रम में किया था खुलासा
श्री मलिक ने पिछले साल 17 अक्टूबर को राजस्थान के झुंझुनू में एक समारोह में कहा था कि दो फाइलें मेरे विचार के लिए आई थीं। सचिवों में से एक ने मुझसे कहा कि अगर मैं इन्हें मंजूरी देता हूं, तो मुझे प्रत्येक के लिए 150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। मैंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि मैं कश्मीर में पांच कुर्ता पजामा लाया था और अभी वापस जाऊंगा उनके साथ ही।
उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी के करीबी लोगों ने रिश्वत की पेशकश की थी, जिसमें एक भाजपा के वैचारिक माता-पिता आरएसएस से जुड़ा था और दूसरा भारत के शीर्ष उद्योगपतियों में से एक से जुड़ा था।
सीबीआई जांच में करेंगे नामों का खुलासा
श्री मलिक ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर रिश्वत की पेशकश नहीं की गई थी, लेकिन इसमें शामिल सभी लोगों के बारे में जानकारी है। उन्होंने कहा कि वह और लोगों के बारे में जानते हैं जो इसमें शामिल थे और वह जांच के दौरान उनके नामों का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा, "मैंने दोनों सौदे रद्द कर दिए थे। मेरे खिलाफ कोई जांच नहीं हुई है।" उन्होंने कहा कि झूठी अफवाहें हैं कि उनकी संलिप्तता की भी जांच की जाएगी।
इन अटकलों पर कि उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से सरकार के खिलाफ किसानों के विरोध का समर्थन किया था, उन्होंने कहा कि वह सीबीआई द्वारा जांच के लिए तैयार हैं और वास्तव में जांच में मदद करने के लिए अतिरिक्त जानकारी देंगे।
मलिक ने कहा, "मैं डरने वाला नहीं हूं और किसानों के लिए अपनी आवाज उठाता रहूंगा। मैं डरूंगा नहीं और लड़ूंगा।" उन्होंने कहा कि वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी किसानों के मुद्दों पर काम करते रहेंगे।
यह भी पढ़ें: