सार
Karnataka Hijab row : देशभर में हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला तक इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
नई दिल्ली। देशभर में हिजाब का मुद्दा (Hijab row in country) तूल पकड़ता जा रहा है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला तक इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। कोर्ट का मानना है कि यह संवैधानिक मुद्दा है। कोर्ट किसी नतीजे पर पहुंचे, उससे पहले ये नेता इसे मजहबी मुद्दा बताकर सियासी माहौल को गरम कर रहे हैं। पढ़ें, किसने इस मुद्दे को लेकर भाजपा के प्रति क्या प्रतिक्रिया की...
मजहब पर हमला कर चुनाव जीतना चाहते हैं
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने पुलवामा में कहा कि मुल्क हर एक के लिए बराबर है। आपको हक है कि आप क्या पहनना, क्या खाना और कैसे रहना चाहता हैं, सबका अपना मजहब है। मजहब पर जो हमला किया जा रहा है ये कुछ कट्टरपंथी हैं। वे जो चाहते हैं कि ये करके वे चुनाव जीत जाएं।
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भाजपा हिजाब पर नहीं रुकेगी, दूसरी निशानियां भी मिटाएगी
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे डर है कि भाजपा हिजाब पर नहीं रुकेगी। वे मुसलमानों की अन्य निशानियों को भी मिटाना चाहते हैं। भारतीय मुसलमानों के लिए सिर्फ भारतीय होना ही काफी नहीं है, उन्हें भाजपाई होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक मामला है, लेकिन वे (भाजपा) इसे एक सामुदायिक मामला बनाना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 हटने से ये मसला सुधरा नहीं बल्कि और उलझ गया है। जम्मू-कश्मीर में जितना खून बहता है, भाजपा को उतना फायदा होता है।
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मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने की व्यवस्था है हिजाब
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत को यह मानने के लिए कहा जा रहा है कि हिजाब उनका अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि हिजाब इस्लाम का आंतरिक हिस्सा नहीं है। अगर हम उस तर्क को मानें तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा, क्योंकि अगर वे शिक्षा नहीं ले सकती हैं, तो उनकी शिक्षा में रुचि कम हो जाएगी। उन्हें काले युग में वापस ले जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अरब समाज में ऐसे लोग थे, जो जन्म के तुरंत बाद अपनी बच्चियों को दफना देते थे। इस्लाम ने इसे समाप्त कर दिया, लेकिन वह मानसिकता अभी भी कायम है। पहले उन्होंने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित रखने के लिए अन्य प्रकार की चीजों का आविष्कार किया।
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