सार
जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए 23 यूरोपीय सांसदों ने आतंकवाद पर भारत के साथ होने बात कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है। एक सांसद ने तो असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हम नाजीवादी होते तो जनता हमें नहीं चुनती, हम हिटलर समर्थक नहीं हैं।
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए 23 यूरोपीय सांसदों ने आतंकवाद पर भारत के साथ होने बात कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है। एक सांसद ने तो असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हम नाजीवादी होते तो जनता हमें नहीं चुनती, हम हिटलर समर्थक नहीं हैं।
हमारे दौरे पर विवाद गलत है: सांसद
कश्मीर का दौरा करने वाले यूरोपीय यूनियन के सांसद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारे दौरे पर विवाद गलत है। उन्होंने कहा कि हम यहां तथ्यों को देखने आए हैं। आतंकवाद कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या है। पाकिस्तान फंडिंग करता है।
नाजी प्रेमी कहे जाने से बहुत नाराज हैं
AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब देते हुए यूरोपीय संघ के सांसदों ने कहा कि वे नाजी प्रेमी नहीं हैं। यूरोपीय संघ के सांसदों में से एक ने कहा, "हम नाजी प्रेमी नहीं हैं। यदि हम होते तो हम निर्वाचित नहीं होते। हम नाजी प्रेमी कहे जाने से बहुत नाराज हैं।" ओवैसी ने कहा था कि भारत सरकार ने यूरोपीय संसद के ऐसे सदस्यों को घाटी में भेजा था जो नाजी विचारधारा में विश्वास करते थे और खुद को फासीवादी बताते थे।
यहां के लोग विकास चाहते हैं : ईयू सांसद
ईयू सांसदों ने कहा, ‘कश्मीर को अफगानिस्तान बनते नहीं देखना। यहां के लोग विकास चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर विरोध करना है तो आतंकवाद का करिए। यहां प्रेस को आजादी है। लोगों को अपनी बात कहने का हक है। हम चाहते थे कि हमारा दौरा और लंबा हो, लेकिन जितना संभव हो पाया, हमने लोगों से मुलाकात की। लोग यहां पर शांति चाहते हैं।
"हम नहीं चाहते कश्मीर एक और अफगानिस्तान बने"
एक अन्य सांसद ने कहा, "वे नहीं चाहते कि कश्मीर एक और अफगानिस्तान बने। कश्मीर में आतंकवाद केवल भारत का मामला नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। हम नहीं चाहते कि कश्मीर एक और अफगानिस्तान बने।"
"हम कश्मीर के लिए चिंतित हैं"
उन्होंने कहा, "हम एक छोटी यात्रा पर हैं, लेकिन हम कश्मीर के भविष्य के बारे में चिंतित हैं।
- यूरोपीय संघ के सांसद निकोलस फेस्ट ने कहा, मुझे लगता है कि यदि आप यूरोपीय संघ के सांसदों को जाने देते हैं, तो आपको भारत के विपक्षी राजनेताओं में भी जाने देना चाहिए। इसलिए किसी प्रकार का असंतुलन है, सरकार को किसी तरह से इसका समाधान करना चाहिए।