सार
दिल्ली में वायु प्रदूषण(Air pollution) एक बड़ी समस्या बना हुआ है। नवंबर से ही दिल्ली-NCR में हवा की क्वालिटी खराब श्रेणी में बनी हुई है। प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरुकता लाने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया( DR Mansukh Mandaviya) बजट सत्र में शामिल होने साइकिल से संसद भवन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क भी पहना हुआ था।
नई दिल्ली. दिल्ली में वायु प्रदूषण(Air pollution) एक बड़ी समस्या बना हुआ है। नवंबर से ही दिल्ली-NCR में हवा की क्वालिटी खराब श्रेणी में बनी हुई है। प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरुकता लाने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया( DR Mansukh Mandaviya) बजट सत्र((Budget Session) में शामिल होने साइकिल से संसद भवन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क भी पहना हुआ था। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब कोई मंत्री या बड़ा नेता साइकिल से संसद पहुंचा हो, लेकिन इस समय दिल्ली में जबर्दस्त प्रदूषण है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण
SAFAR संस्था के मुताबिक दिल्ली में 2 फरवरी को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ओवरऑल 343 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 321 था। नोएडा (यूपी) में AQI358, गुरुग्राम (हरियाणा) में AQI 313 दर्ज किया गया। आमतौर पर नवंबर के बाद जनवरी दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण होता है। हालांकि इस बार भी तेज हवाओं और वीकेंड कर्फ्यू जनवरी में थोड़ी राहत दी। AQI सिस्टम आने के बाद पहली बार जनवरी के 11 दिन प्रदूषण के मामले में राहतभरे रहे थे। फरवरी में मौसम के बदलाव से प्रदूषण से और राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 3 और 4 फरवरी को बारिश की संभावना है। हवाएं भी 30-40 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलेंगी। इससे प्रदूषण कम होगा।
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।
अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा।
संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।
मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है।
खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।
गंभीर रूप से खराब (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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