सार

गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन के बाद विनिर्माण उद्योगों को फिर से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पहले सप्ताह को ट्रायल या परीक्षण अवधि के रूप में देखा जाए। पहले ही हफ्ते से अधिक उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

नई दिल्ली. देश में जारी लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय आज रविवार को नई गाइडलाइन जारी की है। गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन के बाद विनिर्माण उद्योगों को फिर से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उद्योग इकाइयों को फिर से शुरू करने के दौरान पहले सप्ताह को ट्रायल या परीक्षण अवधि के रूप में देखा जाए। इस दौरान सभी प्रकार के सुरक्षा और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। इसमें कहा गया है कि कंपनियों को लॉकडाउन के बाद पहले ही हफ्ते से अधिक उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

एनडीएमए के निर्देश में कहा गया है कि कारखानों को हर दो-तीन घंटे में साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर स्थित कारखानों को यह प्रबंधन करना होगा। इसमें कहा गया है कि श्रमिकों के आवास और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साफ-सफाई की जानी चाहिए, जिससे वायरस से प्रसार पर रोक लगाई जा सके। 

 

फैक्ट्रियों को रखना होगा ये ध्यान

- 24 घंटे में पूरी फैक्ट्री परिसर को सैनिटाइज करना होगा। 
- कर्मचारियों के शरीर का तापमान दो बार देखना जांचना होगा।
- जिन कर्मचारियों में लक्षण दिखेंगे वे काम नहीं कर सकेंगे। 
- फैक्ट्रियों को कर्मचारियों को सैनिटाइजर और ग्लब्स उपलब्ध कराने होंगे।
- फैक्ट्रियों के दरवाजे पर कोविड-19 के बचाव संबंधी सूचनाएं चस्पा करनी होंगी।
- बने हुए सामान को सैनिटाइज और अच्छे से पैक करके ही फैक्ट्री से बाहर भेजा जाएगा
- वर्क फ्लोर पर सावधानी बरतते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा।
- शिफ्टों के बीच में एक घंटे का गैप रखना होगा। इस दौरान फैक्ट्री परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। 
- प्रबंधन और प्रशासनिक स्टाफ सिर्फ 33% रहेगा। 
- वर्क प्लेस पर टूल्स एक दूसरे को ना दिए जाएं। पर्सनल टूल्स का इंतजाम करना होगा।