सार

मोदी सरकार ने दिवाली से पहले किसानों और रेल कर्मचारियों के लिए बड़े ऐलान किए हैं। इनमें रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस और किसानों के लिए 2 नई योजनाओं की सौगात शामिल है।

नई दिल्ली। दिवाली से ठीक पहले मोदी सरकार ने किसानों और रेल कर्मचारियों को बड़ा गिफ्ट दिया है। गुरुवार 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसके तहत जहां रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस दिया जाएगा, वहीं किसानों के लिए 2 बड़ी योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

2 नई कृषि योजनाओं को मंजूरी

  • केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी विस्तार से देते हुए बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए PM राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अलावा किसानों से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
  • अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना के तहत 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इनके जरिये कृषि और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा।
  • इसके अलावा PM राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से सीमित प्राकृतिक संसाधनों के जरिये कृषि की निरंतरता को सुचारू बनाए रखा जाएगा।

रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस

केंद्रीय कैबिनेट ने रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनस का भुगतान करने की मंजूरी भी दी है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे में अभी 13 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। इनमें से 1.59 लाख कर्मचारियों ने पिछले वित्त वर्ष में ही ज्वॉइन किया है। हर एक पात्र कर्मचारी को 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा। इसमें 2028.57 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

अलग-अलग कैटेगरी के पात्र कर्मचारियों को मिलेगा बोनस

उक्त बोनस का भुगतान रेलवे के हर एक पात्र कर्मचारी को किया जाएगा। प्रत्येक पात्र कर्मचारी को किया जाएगा। इनमें अलग-अलग कैटेगरी के कर्मचारी जैसे लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन हेल्पर, ट्रैक मेंटेनर, पॉइंट्समैन, ऑफिशियल कर्मचारी भी शामिल हैं। ये बोनस दुर्गा पूजा की छुट्टियों से पहले ही मिलेगा।

चेन्नई मेट्रो फेज-2 के लिए 63,246 करोड़ मंजूर

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में चेन्नई मेट्रो फेज-2 को भी मंजूरी दी गई है। 119 किलोमीटर के सेकेंड फेज में 63,246 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत पैसा खर्च करेंगे।

5 भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा

कैबिनेट बैठक में 5 और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा की सूची में शामिल कर लिया है। इनमें मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को अब क्लासिकल भाषा के तौर पर मान्यता दी गई है। बता दें कि तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उड़िया को पहले से ही क्लासिकल भाषाओं की श्रेणी में रख गया है।

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