सार
महाराष्ट्र के बहुचर्चित Money laundering Case में आरोपों का सामना कर रहे पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके बेटे ने ED के सामने पेश होने के लिए समय मांगा है।
मुंबई.100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख( Anil Deshmukh arrested) के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार यानी 5 नवंबर को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय(ED) में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि उन्होंने ED से 7 दिन का समय मांगा है। बता दें कि ED ने 1 नवंबर को अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। उन्हें 2 नवंबर को कोर्ट में पेश किया गया था। वे 6 नवंबर तक कस्टडी में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ऋषिकेश देशमुख से पूछताछ की जानी है। इसीलिए उन्हें ED दफ्तर बुलाया गया था।
देशमुख की सेहत बिगड़ी
गिरफ्तारी के बाद अनिल देशमुख की तबीयत बिगड़ गई है। दिवाली के दिन उन्हें मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में हेल्थ चेकअप के लिए ले जाया गया था। हालांकि वहां सभी जांचें ठीक निकलीं। 71 साल के राकांपा नेता देशमुख को गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे ईडी दफ्तर से दक्षिण मुंबई स्थित जेजे अस्पताल ले जाया गया था। दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक उनका परीक्षण किया गया। इसके बाद उन्हें वापस ED दफ्तर ले जाया गया।
पूछताछ में नहीं कर रहे थे सहयोग
देशमुख सोमवार(1 नवंबर) को सुबह 11.40 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित ED के कार्यालय पहुंचे थे। ED के अनुसार धन शोधन रोकथाम कानून यानी Money Laundering के तहत केस दर्ज किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस(NCP) के 71 वर्षीय नेता अनिल देशमुख ने अवैध वसूली के आरोपों के बाद अप्रैल, 2021 को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
5 बार समन के बावजूद पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे
अनिल देशमुख को ED ने 5 बार समन भेजा था, लेकिन वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। देशमुख लगातार अपने ऊपर लगे आरोपों को झुठलाते रहे हैं। पहले इस मामले की जांच CBI कर रही थी, लेकिन जब मामला मनी लॉन्ड्रिंग का सामने आया, तब ED ने जांच शुरू कर दी।
परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखा था लेटर
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक की जांच के बाद यह मामला सामने आया था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे(एंटीलिया केस का मुख्य आरोपी) को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा था, "गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।"
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