सार

मानसून धीरे-धीरे भारत को कवर कर रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में 20 से अधिक राज्यों में इसके प्रवेश की भविष्यवाणी की है। मुंबई में तेज बारिश से लोगों को राहत मिली है, लेकिन एक बार फिर मुंबई के अलावा, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली में मंगलवार तक मानसून पहुंचने की संभावना जताई गई है। 
 

नई दिल्ली. दक्षिण पश्चिम मानसून धीरे-धीरे देशभर में फैलता जा रहा है। इसकी सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग का मानना है कि यह आजकल में 20 से अधिक राज्यों में प्रवेश कर जाएगा। बंगाल की खाड़ी में नमी के साथ ही चक्रवाती हवा का क्षेत्र बने रहने से मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिल रही है। अनुमान है कि यह एक-दो दिनों में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, ओडिशा  बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, तेलंगाना और केरल, पूर्वोत्तर भारत, दिल्ली, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक तक फैल जाएगा। 5 जुलाई तक मानसून पूरे देश में फैल जाएगा।

जानिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मुंबई का हाल: मुंबई में पिछले 4-5 दिनों से जारी तेज बारिश का दौर रुक गया है, लेकिन सोमवार को ठाणे, पुणे और उपनगरीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कोंकण मंडल के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों बिजली कड़कने, आंधी चलने के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(IMD) के अनुसार, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के बाद मानसून देश के पूर्वी और मध्य भाग में सक्रिय हो गया है। 

कर्नाटक में 17 जून तक चेतावनी: मौसम विभाग की बेंगलुरु इकाई के निदेशक सीएस पाटिल ने कर्नाटक के तटीय जिलों में 17 जून तक ऑरेंज अलर्ट यानी भारी बारिश की चेतावनी दी है। पूरे राज्य में बारिश होती रहेगी।

दिल्ली में कल तक पहुंचेगा मानसून: दिल्ली के अलावा पंजाबा और हरियाणा में आज या कल में मानसून प्रवेश कर जाएगा।

अब तक 25% से ज्यादा बारिश
अगर देश में 1 जून से अब तक की बारिश का आंकड़ा देखें, तो यह 25 फीसदी से अधिक होता है। इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि पूरे देश में अच्छी बारिश होगी। मौसम विभाग 98% तक बारिश का अनुमान लगा रहा है, जबकि स्काईमेट जून से सिंतबर तक 103% बारिश की भविष्यवाणी कर चुका है। हालांकि दोनों के अनुमान को लेकर चलें, तो इस साल की बारिश भी किसानों के लिए बेहतर रहेगी।

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