सार
मानसून की चाल प्रभावित होने से उत्तर पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में अगले 4-5 दिनों तक बारिश की गतिविधियां नहीं दिखाई देंगी। जबकि पूर्वोत्तर भारत में 2-3 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
नई दिल्ली. मानसून की रफ्तार में बदलाव आने से उत्तर पश्चिम, मध्य भारत और दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां कमजोर पड़ गई हैं। हालांकि उम्मीद है कि 4-5 दिनों बाद मानसून फिर गति पकड़ेगा। मध्य प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई राज्यों खासकर दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
हवाओं के पूर्वानुमान के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्सों तथा चंडीगढ़ और दिल्ली में अगले 5 दिनों तक आगे नहीं बढ़ेगा।
उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत के पश्चिमी भागों में कम बारिश की स्थितियां अगले 5 दिनों तक बनी रहेंगी। कमजोर मानसून की स्थितियों के बीच इन भागों में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना और बिजली कड़कने की घटनाओं के साथ कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जा सकती है।
दक्षिण-पश्चिमी बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में दक्षिण-पश्चिमी आर्द्र हवाएं तेज हो गई हैं, जिसके चलते इन राज्यों में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में अगले 3 दिनों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।
असम और मेघालय में 29 और 30 जून को कुछ स्थानों पर अति भीषण वर्षा हो सकती है। बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम में 30 जून से 2 जुलाई के दौरान मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वी आर्द्र हवाएं धीरे-धीरे प्रभावी हो रही हैं, जिसके चलते उत्तरी बिहार, उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और उत्तराखंड में 1 से 3 जुलाई के दौरान बहुत व्यापक बारिश होने की संभावना है। इन राज्यों में होने वाली मूसलाधार मानसून वर्षा के कारण यहां से निकलने वाली नदियों में जल स्तर अचानक बढ़ सकता है।
1 से 3 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की संभावना है।
हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 30 जून और 1 जुलाई, 2021 को 20 से 30 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवाएं चल सकती हैं।
बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में बादलों की तेज़ गर्जना के बीच बिजली गिरने की कई घटनाएं हो सकती हैं। इसके चलते घर से बाहर लोगों और मवेशियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है और यह कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है।
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