सार
लीजिए! कई राज्यों में हाहाकार मचाने और कुछ राज्यों को तरसाने के बाद दक्षिण पश्चिमी मानसून(south west monsoon) के विदाई की तारीख का ऐलान हो गया है। इस बीच मप्र, छग, कनार्टक और केरल में कहीं-कहीं भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम डेस्क. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि दक्षिण पश्चिम मानसून( Southwest monsoon) के सितंबर के पहले सप्ताह में वापसी हो सकती है। इस दौरान मानसून ने कई राज्यों में हाहाकार मचाया, तो कुछ राज्यों को तरसाया। खैर, आजकल मे मौसम विभागने उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। (यह तस्वीर यूपी के प्रयागराज की है)
सितंबर के पहले सप्ताह में मानसून के विदा होने की संभावना
दक्षिण पश्चिम मानसून( Southwest monsoon) के सितंबर के पहले सप्ताह में वापसी की संभावना है। यह उसकी सामान्य तारीख से लगभग एक पखवाड़े( fortnight) पहले है। मौसम विभाग ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की सामान्य तिथि 17 सितंबर है। हालांकि, दक्षिण-पश्चिम मानसून की वास्तविक वापसी आमतौर पर वेदर सिस्टम के डायनेमिक नेचर(उसकी गति की प्रवृत्ति) को देखते हुए या तो पहले या बाद में होती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को जारी विस्तारित रेंज पूर्वानुमान में कहा कि 1 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। पूरे देश में मानसून की बारिश सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और मणिपुर जैसे राज्यों में औसत से 40 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है, जिससे किसान मुश्किल में हैं। उत्तर प्रदेश और मणिपुर में औसत से 44 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। इसके बाद बिहार (41 प्रतिशत), दिल्ली (28 प्रतिशत), त्रिपुरा और झारखंड (26 प्रतिशत) का स्थान है।
किसानों के लिए मानसून
18 अगस्त तक किसानों ने 343.7 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की थी, जो पिछले साल से 30.92 लाख हेक्टेयर कम और रिव्यू पीरियड के लिए सामान्य बुवाई से 53.36 लाख हेक्टेयर कम है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से चावल के लिए बोए गए क्षेत्र के लिए कम कवरेज की सूचना मिली है, जो देश के चावल का कटोरा माने जाते हैं। मूसलाधार बारिश के कारण दलहन, विशेष रूप से अरहर और मूंगफली की बुवाई में भी गिरावट आई है।
मानसून की स्थिति
मौसम कार्यालय के हिसाब से मानसून का मौसम 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर को समाप्त होता है। पिछले साल मानसून ने वापसी के फेज में 6 अक्टूबर को एंट्री की, जो जो 17 सितंबर की सामान्य तिथि के 19 दिन बाद रही। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, मानसून की वापसी 2020 में 28 सितंबर, 2019 में 9 अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को शुरू हुई।
इन राज्यों में हल्की या मध्यम बारिश की संभावना
आजकल में तमिलनाडु, रायलसीमा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम के कुछ हिस्सों, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण और गोवा में हल्की बारिश हो सकती है। पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात में एक या दो जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में बीते दिन हुई बारिश
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, गंगीय पश्चिम बंगाल और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, हरियाणा, केरल और कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। कोंकण और गोवा, तमिलनाडु और रायलसीमा में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हुई। पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों और महाराष्ट्र में हल्की बारिश हुई।