Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं हो सकती। जहां खून बहता है वहां बातचीत की गुंजाइश नहीं बचती।
Parliament Monsoon Session 2025: संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर मामले पर लोकसभा में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि आज का नया भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।
हमारी सरकार ने शांति स्थापित करने का दूसरा रास्ता अपनाया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारी सरकार ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए। 2015 में जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौर जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात की तो भारत ने फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाया। हम वाकई में शांति की राह पर चलना चाहते थे। हमारी मूल प्रकृति बुद्ध की है युद्ध की नहीं। हमारी सरकार ने भी पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के अनेक प्रयत्न किए। हमने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 में बालाकोट में एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर से शांति स्थापित करने का दूसरा रास्ता अपनाया है। हमारी सरकार की नीति साफ है कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते।"
अशांति फैलाने वाले हाथों को उखाड़ना जानते हैं
रक्षा मंत्री ने कहा, "हमारी नीति है आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना। हमारा पाकिस्तान के खिलाफ विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है। हम अगर शांति के लिए हाथ बढ़ाना जानते हैं तो अशांति फैलाने वाले हाथों को उखाड़ना भी जानते हैं। हम शांति के प्रयास करना जानते हैं तो दुष्टों को जो भाषा समझ आए उसी भाषा में समझाना भी जानते हैं। दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना पड़ता है। हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि शिशुपाल की 100 गलतियां माफ की जा सकती हैं, लेकिन अंत में धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना ही पड़ता है। हमने संसद पर हमला सहा है। 2008 का मुंबई अटैक झेला है, लेकिन अब हमने कह दिया है बहुत हो गया। अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है।"
पाकिस्तान जैसे देश के साथ नहीं हो सकता संवाद
राजनाथ ने कहा, "सभ्य मुल्कों के बीच बातचीत होती है, लोकतांत्रिक देशों में बातचीत होती है। एक ऐसा देश जिसके वजूद में लोकतंत्र का एक कतरा भी न हो और सिर्फ रिलीजियस फैनेटिसिज्म, टेररिज्म और भारत के खिलाफ नफरत हो, उसके साथ किसी भी सूरत में संवाद नहीं किया जा सकता। क्योंकि आतंकवाद की भाषा खून, डर और नफरत है, संवाद नहीं। गोलियों की आवाज में संवाद की आवाज दब जाती है। जहां खून बहता है वहां बातचीत की गुंजाइश नहीं बचती।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति अब जगजाहिर है। जिस देश ने आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का औजार बना लिया वह अंतत: अपने ही जाल में फंस जाता है। पाकिस्तान की नीति और चरित्र पर कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। यह एक ऐसा देश है जो वैश्विक आतंकवाद की नर्सरी है। उन्होंने इसे अपनी स्टेट पॉलिसी का आधार बनाया हुआ है।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान में सरकार आतंकवादियों के लिए स्टेट फ्यूनरल का इंतजाम कर रही है। सैन्य अधिकारी भी आतंकवादियों के जनाजे में भाग लेते हैं। यह वही देश है जो सीमा पर सैनिकों से लड़ने का साहस नहीं जुटा पाता, इसलिए निर्दोष नागरिकों, बच्चों और तीर्थ यात्रियों को आतंकवाद का निशाना बनाता है। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई आतंकवाद को प्रॉक्सी वार की तरह इस्तेमाल करती है और इसके सहारे भारत को डिस्टेबलाइज करने का सपना देखती है। मैं लोकतंत्र के मंदिर में खड़े होकर यह बात कह रहा हूं कि भारत को 1000 घाव देने का सपना पालने वालों को नींद से जग जाना चाहिए। ये मोदी जी नेतृत्व वाला नया भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।"
