लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने सेना को लड़ाई की पूरी आजादी नहीं दी। स्थिति ऐसी थी जैसे पायलटों को हाथ बांधकर जंग के मैदान में भेज दिया।

Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को दूसरे दिन लोकसभा में चर्चा हुई। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाषण दिया है। उन्होंने बिना पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किए हवाई हमला करने के लिए सरकार पर निशाना साधा।

सेना के इस्तेमाल के लिए इच्छाशक्ति चाहिए

राहुल गांधी ने कहा, "टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना के उपयोग के लिए इच्छाशक्ति चाहिए। 1971 में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। दुनिया का सुपर पावर अमेरिका अपने एयर क्राफ्ट कैरियर लेकर हिंद महासागर में आ रहा था। भारत की प्रधानमंत्री नहीं डरीं। पाकिस्तानी सेना के 1 लाख जवानों ने सरेंडर किया।

जनरल मानेक शॉ ने इंदिरा गांधी से कहा था कि मैं ऑपरेशन गर्मी में नहीं कर सकता। छह महीने दीजिए। इंदिरा गांधी ने कहा कि आपको 6 महीने चाहिए, एक साल चाहिए लीजिए। आपको कार्रवाई की आजादी होनी चाहिए।"

राहुल गांधी का आरोप- सरकार में नहीं लड़ने की इच्छाशक्ति

कांग्रेस नेता ने कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि 7 मई की रात 1 बजकर 4 मिनट पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ। यह 22 मिनट चला। आपने 7 मई की रात 1.35 बजे पाकिस्तान को फोन कर बताया कि आतंक के अड्डे पर हमला किया है। लड़ाई आगे बढ़ाना नहीं चाहते। आपने पाकिस्तान को बता दिया कि लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। भारत ने सरेंडर कर दिया। आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है।"

पायलटों को हाथ बांध जंग के मैदान में भेज दिया

राहुल गांधी ने कहा, "आपने पाकिस्तान पर हमला किया, लेकिन उसके सैन्य ठिकानों पर नहीं। उसके एयर डिफेंस सिस्टम पर नहीं। पाकिस्तान के एयर डिफेंस पूरी तरह एक्टिव थे और आपने वायुसेना के पायलटों को अटैक करने के लिए भेज दिया। यह उसी तरह है जैसे जंग के मैदान में पायलटों को हाथ पीछे बांधकर भेज दिया जाए। इसके चलते हवाई जहाज गिरे।"

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इंडियन एयरफोर्स ने नहीं की गलती, राजनीतिक नेतृत्व ने किया

राहुल गांधी ने कहा, "आपने लड़ाई शुरू की। शुरुआत में ही उनको कह दिया कि आपके पास राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। हम आपके मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर अटैक नहीं करेंगे। आपने हमारे पायलट से कहा जाकर लड़ो। नतीजा सभी को मालूम है। सीडीएस अनिल चौहान ने कहा है कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि जेट गिरे, लेकिन क्यों गिरे। वह कह रहे हैं कि जरूरी सवाल यह है कि जेट गिरे क्यों? सीडीएस ने कहा कि जो गलती हुई, अच्छी बात यह है कि हमने उसे समझा और ठीक किया। इसके बाद फिर से विमान उड़े और लंबी दूरी से टारगेट को हिट किया। मैं कहना चाहता हूं। अनिल चौहान जी, आपने कोई गलती नहीं की। इंडियन एयरफोर्स ने कोई गलती नहीं की। गलती राजनीतिक नेतृत्व ने किया जिसने कहा कि आप मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर अटैक नहीं कर सकते। वायुसेना को जिम्मेदार नहीं बता सकते। 21वीं सदी में अगर आप एयर डिफेंस द्वारा सुरक्षित हवाई क्षेत्र में विमान भेजते हैं तो वे गिरेंगे।