सार

कोरोना महामारी के दौरान पांचवीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकल पर ज्यादा फोकस किया। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि लोकल को ही जीवन का मंत्र बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। 

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के दौरान पांचवीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकल पर ज्यादा फोकस किया। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि लोकल को ही जीवन का मंत्र बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। हमें न सिर्फ लोकल प्रॉडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। 

"कोरोना में लोकल ने ही हमें बचाया है"
पीएम मोदी ने कहा, गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूर हों, मछुआरे हों, हर तबके लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा। कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है। लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है और हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।

लॉकडाउन 4.0 भी लगेगा
उन्होंने कहा, लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको18 मई से पहले दी जाएगी।

17 मई के बाद कैसा होगा भारत?
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार लॉकडाउन 4 नए रंग में होगा। नए नियम होंगे, जिसकी जानकारी 18 मई से पहले देश के लोगों को दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कोरोना रहेगा, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हमारी जिंदगी कोरोना के ईर्द-गिर्द ही रहेगी। हम मास्क पहनेंगे, दो गज की दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्य से दूर नहीं होगा।

"रिफॉर्म का दायरा व्यापक करना होगा"
पीएम मोदी ने कहा, अब रिफॉर्म के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है। ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो।

20 लाख करोड़ रु. के आर्थिक पैकेज का ऐलान
मोदी ने कहा, हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।