सार
ईडी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पूछताछ के लिए तलब किया था, जिसके बाद वे आज सुबह 11 बजे ईडी के मुख्यालय पहुंचे। केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। उधर, खड़गे से पूछताछ पर कांग्रेस ने सरकार पर दलितों को अपमानित करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को ‘नेशनल हेराल्ड' (National Herald case) मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी जांच के सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की। ईडी सूत्रों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे (79) को जांच के संबंध में ईडी के सामने पेश होने को कहा गया था। उन्होंने बताया कि एजेंसी जांच संबंधी कुछ पहलुओं को समझना चाहती है। उन्होंने बताया कि खड़गे का बयान धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत दर्ज किया जाएगा।
इस बीच, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने खड़गे से ईडी की पूछताछ पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार दलित नेताओं का अपमानित करना चाहती है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि खड़गे बसपा प्रमुख मायावती की तरह सरेंडर नहीं करेंगे।
सुबह 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे सोमवार सुबह 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस पहुंचे। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी आरोपी हैं। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young India Housing Pvt. Ltd) ने कांग्रेस पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journal Limited) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वासघात जैसे आरोपों में केस दर्ज कराया था। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड नाम का अखबार शुरू किया था। इस दैनिक अंग्रेजी अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। यह कांग्रेस का मुखपत्र है।
क्या है पूरा विवाद
नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी (AJL) के पास था। यह कंपनी हिंदी अखबार नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज का प्रकाशन भी करती थी। 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया। 2008 में AJL पर 90 करोड़ का कर्ज हो गया। इसके बाद इसके सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया। बाद में कांग्रेस ने 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी बनाई और इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा और सैम पित्रोदा को निदेशक मंडल में शामिल किया।
बाद में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने AJL का अधिग्रहण कर लिया। भाजपा नेता सुब्रमणयन स्वामी ने इस मामले में 2012 में एक याचिका लगाई थी। उनका दावा था कि यंग इंडिया लिमिटेड ने गलत तरीके से नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का अधिग्रहण किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने पैसे से AJL को 90 करोड़ का कर्ज दिया और फिर इस कंपनी का अधिग्रहण कर 5,000 करोड़ की इसकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया।
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