सार
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय सोनिया गांधी से पूछताछ कर रहा है। बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी को ईडी ने तीन बार नोटिस जारी कर बुलाया था, लेकिन वो नहीं पहुंची थीं। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने सोनिया गांधी से पूछताछ के लिए 50 सवालों की लिस्ट तैयार की है।
National Herald Case: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचीं। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस सोनिया गांधी से पूछताछ के लिए पहले ही 50 सवालें की लिस्ट तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि ईडी उनसे यंग इंडिया कंपनी को लेकर तीखे सवाल कर सकता है। ईडी सोनिया गांधी का बयान को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत दर्ज करेगी।
सोनिया गांधी से ये सवाल पूछ सकता है ईडी :
प्रवर्तन निदेशालय सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में कई तीखे सवाल पूछ सकती है। इनमें..
सवाल नंबर 1- ईडी सोनिया गांधी से पूछ सकता है कि उन्होंने यंग इंडिया कंपनी में 38% शेयर क्यों लिए?
सवाल नंबर 2- सोनिया गांधी यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर क्यों बनीं? जब सभी लेन-देन हो चुके थे, तो आखिर में डायरेक्टर बनने वाली वो आखिरी व्यक्ति थीं।
सवाल नंबर 3- यंग इंडिया कंपनी का क्या काम है? क्या यह कोई ट्रस्ट है? अगर ऐसा है तो कंपनी ने अब तक कोई डोनेशन क्यों नहीं किया?
सवाल नंबर 4- क्या सोनिया गांधी को इस बात की जानकारी थी कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड AJL कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण करने जा रही है।
सवाल नंबर 5 - कांग्रेस और AJL के बीच क्या ट्रांजेक्शन हुए? इसको लेकर भी ईडी सवाल पूछ सकता है।
तीन बार पूछताछ के लिए नहीं पहुंचीं सोनिया गांधी :
बता दें कि इससे पहले ED ने नोटिस जारी कर सोनिया गांधी को ने 8, 11 और 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन सोनिया गांधी ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए ईडी से और वक्त मांगा था। बता दें कि 8 जून को सोनिया गांधी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद 11 जून को वो अस्पताल में थीं। वहीं 23 जून को वो इसलिए पूछताछ के लिए नहीं पहुंचीं क्योंकि दो दिन पहले ही वो अस्पताल से घर आई थीं।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका लगाते हुए ये आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं (राहुल-सोनिया गांधी के अलावा और भी कई नेता) ने सबसे पहले यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) नाम की कंपनी बनाई। इसके बाद गलत तरीके से इसके जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण किया। AJL वही कंपनी है, जो नेशनल हेराल्ड नाम से अखबार पब्लिश करती है। स्वामी का आरोप है कि ये सब हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग को हथियाने के लिए किया गया।
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