सार
भारत ने पहली बार साल 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था। उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन 700 से 900 किलोमीटर थी। इसके बाद साल 2004 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था।
नई दिल्ली। भारतीय सैन्य क्षमता में एक और ताकत का आमद होने को है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। यह परीक्षण सोमवार की सुबह करीब 10.55 बजे ओडिशा के बालासोर के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।
अग्नि पी अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह एक कैनस्टराईज्ड मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।
सेना में शामिल होगी अग्नि-प्राइम
वैज्ञानिकों के अनुसार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के विकसित न्यूक्लिअर क्षमता वाले इस मिसाइल की रेंज 1 हजार से 2 हजार किलोमीटर तक की है यानि इससे दुश्मनों के वॉरशिप 2,000 किलोमीटर दूर तक ध्वस्त किए जा सकेंगे। अग्नि-प्राइम परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है।
1989 में पहली बार अग्नि मिसाइल का किया था परीक्षण
भारत ने पहली बार साल 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था। उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन 700 से 900 किलोमीटर थी। इसके बाद साल 2004 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था।
क्या खास है मिसाइल अग्नि-प्राइम में?
अग्नि पी मिसाइल की रेंज 1 हजार से 2 हजार किलोमीटर तक है। अग्नि प्राइम मिसाइल को एडवांस रिंग लेजर गैरोंस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाता है। सिंगल स्टेज वाले अग्नि 1 के विपरीत डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम को सड़क और मोबाइल लांचर दोनों से दागा जा सकता है।