NIA ने 26/11 मुंबई हमले मामले में पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इसमें राणा द्वारा डेविड हेडली को भारत में सर्वेक्षण में मदद देने की पुष्टि हुई है।

Mumbai attack NIA Chargesheet: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की जांच की सबसे अहम कड़ी तहव्वुर राणा के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। NIA ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी ने राणा को आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) की भारत में जासूसी अभियानों में मददगार बताया है।

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राणा ने हेडली के ऑपरेशन्स को दिया लॉजिस्टिक और फ्रंटल सपोर्ट

एनआईए चार्जशीट के अनुसार, तहव्वुर राणा ने मुंबई में एक नकली कॉरपोरेट ऑफिस ‘इमिग्रेंट लॉ सेंटर’ स्थापित किया था, जिसका कोई वास्तविक व्यापारिक उद्देश्य नहीं था। यह ऑफिस केवल हेडली की गतिविधियों को छुपाने और मुंबई के हाई-प्रोफाइल स्थानों की रेकी के लिए प्रयोग किया गया।

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2005 से सक्रिय साजिश का हिस्सा था राणा

NIA ने कहा है कि यह पूरा षड्यंत्र 2005 के आसपास शुरू हुआ था जिसमें पाकिस्तान में बैठे कई अन्य साजिशकर्ता शामिल थे। हमलों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, देश की अखंडता और आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना था।

प्रत्यर्पण के बाद भारत में हुई गिरफ्तारी

तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया। स्पेशल एनआईए कोर्ट दिल्ली ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। उसी वारंट के आधार पर राणा को यहां पहुंचने पर 10 अप्रैल 2025 को अरेस्ट किया गया। इससे पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में उसकी याचिका खारिज कर भारत को सौंपने की अनुमति दी थी।

हिरासत में किए अहम खुलासे, अमेरिका से मांगी गई मदद

एनआईए ने बताया कि राणा से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं जिनके आधार पर अमेरिका को म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस रिक्वेस्ट (MLAT) भेजी गई है ताकि कुछ बयानों की पुष्टि और सबूत एकत्र किए जा सकें। इससे आतंकवाद के इस बड़े नेटवर्क को उजागर करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

किन धाराओं में दर्ज हैं आरोप?

तहव्वुर राणा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (षड्यंत्र), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध), 302 (हत्या), 468 (दस्तावेज़ों में धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल), और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम [UAPA] की धारा 16 व 18 के तहत केस दर्ज किया गया है।

अभी भी जारी है जांच, और नाम हो सकते हैं उजागर

NIA ने पुष्टि की है कि जांच अभी भी जारी है और राणा के सहयोगियों के नाम सामने आने की संभावना है। एजेंसी भविष्य में और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर सकती है।