सार
गडकरी ने कहा कि देश को गरीबी से उबारने और गरीबों के कल्याण व लाभ के लिए डॉ.मनमोहन सिंह ने उदार आर्थिक नीति की आवश्यकता को समझा और उसे देश में लागू किया। 1991 में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने जो उदार आर्थिक नीति का मॉडल पेश किया, उसका लाभ आज भी मिल रहा है।
Gadkari praises Manmohan Singh: अपने बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देकर सबको चौका दिया है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने कहा कि देश आर्थिक सुधारों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सभी ऋणी है। आज हम समृद्ध भारत को जो देख रहे हैं उसकी नींव और परिकल्पना डॉ.मनमोहन सिंह ने की थी। देश के वित्तमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने जो योगदान दिया वह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस देश को एक नई दिशा दी है।
भारत को उदार नीति की आवश्यकता थी..उसे मनमोहन सिंह ने समझा
गडकरी ने कहा कि देश को गरीबी से उबारने और गरीबों के कल्याण व लाभ के लिए डॉ.मनमोहन सिंह ने उदार आर्थिक नीति की आवश्यकता को समझा और उसे देश में लागू किया। 1991 में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने जो उदार आर्थिक नीति का मॉडल पेश किया, उसका लाभ आज भी मिल रहा है। इसी से भारत के सपनों को पंख मिले और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ा जो आज भी जारी है।
देश हमेशा डॉ.मनमोहन सिंह का ऋणी रहेगा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को TIOL Awards 2022 में बोल रहे थे। पुरस्कार समारोह का आयोजन 'TaxIndiaOnline' पोर्टल द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि लिबरल इकोनॉमी के कारण देश को नई दिशा मिली, उसके लिए मनमोहन सिंह का देश हमेशा ही ऋणी रहेगा। 90 के दशक में शुरू किए गए सुधारों की शुरूआत आज भी जारी है। गडकरी ने उनसे अपने संबंधों और उनके कार्यों को याद करते हुए कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के कारण 1990 के दशक के मध्य में जब वे महाराष्ट्र में मंत्री थे, तब वे महाराष्ट्र में सड़क बनाने के लिए धन जुटा सकते थे। डॉ.मनमोहन सिंह का उदार आर्थिक नीति किसानों और गरीब लोगों के लिए है।
देश को अधिक पूंजीगत व्यय निवेश की आवश्यकता
बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने के लिए भारत को अधिक पूंजीगत व्यय निवेश की आवश्यकता होगी। एनएचएआई आम आदमी से भी राजमार्गों के निर्माण के लिए धन जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है और उन्हें पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। 2024 के अंत तक NHAI का टोल राजस्व ₹ 1.40 लाख करोड़ हो जाएगा, जो वर्तमान में ₹ 40,000 करोड़ प्रति वर्ष है।
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