सार

यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे उनमें से 200 कोरोना पॉजिटिव हैं। जो यहां से लौटकर अपने घर गए थे, उनमें 10 की मौत हो चुकी है। इसमें तेलंगाना में 6, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

नई दिल्ली. देश में कोरोना संकट से निपटने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन है। सरकार अपील कर रही है कि एक जगह पर ज्यादा लोग इकट्ठा न हो। लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन में करीब 2 हजार लोग एक मस्जिद में इकट्ठा थे। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब दिल्ली में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई। दरअसल, 1 से 15 मार्च तक निजामुद्दीन में मरकज तब्लीगी जमात का जलसा था, जिसमें भारत सहित 15 देशों से करीब 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। हैरानी की बात तो यह है कि 22 मार्च को लॉकडाउन के ऐलान के बाद भी यहां करीब 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। 

मरकज में ठहरे 2 हजार लोगों में 200 कोरोना पॉजिटिव

यहां जो 2 हजार लोग ठहरे हुए थे उनमें से 200 लोग कोरोना पाजिटिव हैं। वहीं जो लोग यहां से लौटकर अपने घर गए थे, उनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें तेलंगाना में 6,  तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। 

कैसे शुरू हुआ मरकज का कोरोना कनेक्शन?

27 फरवरी से 1 मार्च तक क्वालालंपुर में जलसा हुआ। फिर वहां से दिल्ली के जलसे में विदेशी मेहमान पहुंचे। इसमें 15 देशों के जमात शामिल हुए थे। इसके अलावा, दिल्ली सहित, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर से भी लोग यहां पहुंचे थे। 

दिल्ली में एक व्यक्ति की मौत के बाद खुलासा

दिल्ली में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हुई, तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। यूपी सरकार ने 19 जिलों में लोगों की तलाशी का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार ने इस संगठन के मौलवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है।

निजामुद्दीन मरकज में कहां हुई चूक?  

इस लापरवाही पर मरकज के मौलवी ने कहा, हम लगातार प्रशासन के संपर्क में थे। 24 मार्च को अंडमान प्रशासन ने एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट के बाद निजामुद्दीन के एसएचओ ने मरकज को नोटिस जारी किया था। हालांकि इस मामले में प्रशासन की भी लापरवाही नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि एक ही जगह पर इतने लोग जमा थे और ना तो पुलिस को और ना ही प्रशासन को इसकी भनक लगी। 

अंडमान में 10 कोरोना पॉजिटिव, 9 मरकज में शामिल थे

अंडमान में भी 10 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें 9 लोग तो वह हैं जो दिल्ली में मरकज में शामिल हुए थे। बता दें कि मरकज में इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से भी लोग शामिल होने आए थे।

तेलंगाना में 194 लोग क्वारंटीन, तमिलनाडु में 981 लोगों की पहचान

मरकज से घर लौटे तेलंगाना में 194 लोगों को क्वारंटीन किया गया है, जबकि  तमिलनाडु में 981 लोगों की पहचान की गई है। 

5 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में बड़ा खतरा

तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से सबसे ज्यादा लोग इस मरकज में शामिल होने आए थे। महाराष्ट्र में 22 मार्च को एक मौत हुई थी, यह उन 10 लोगों में शामिल था, जो मरकज में शामिल होने आया था। इस ग्रुप के 2 और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। 

एंबुलेंस लौटाने का भी आरोप

दरअसल, निजामुद्दीन इलाके में कोरोना संक्रमित कुछ लोगों में लक्षण नजर आए तो स्थानीय प्रशासन ने वहां पर एंबुलेंस भी भेजी। आरोप है कि स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस का विरोध कर उसे लौटने पर मजबूर कर दिया। 

लापरवाही के बाद एफआईआर दर्ज हो सकती है

लापरवाही को लेकर तब्लीगी जमात के सेंटर के मौलाना के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है। हालांकि मरकज की तरफ से मौलाना यूसुफ ने सफाई दी है कि लॉकडाउन लागू होने से पहले ही वहां पर देशी विदेशी गेस्ट ठहरे हुए थे। लिहाजा उन्होंने सरकार के आदेश का पालन किया कि जो जहां है वहीं ठहरे।
 
क्या है तब्लीगी जमात मरकज?

तब्लीगी का मतलब अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला होता है। जमात का मतलब समूह होता है। तब्लीगी जमात का मलतब अल्लाह की बातों का प्रचार करने वाला समूह। मरकज का मतलब मीटिंग के लिए जगह। तब्लीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं। इस जमात के दुनिया भर में 15 करोड़ सदस्य हैं। इस आंदोलन को 1927 में मुहम्मद इलियास अल कांधलवी ने भारत में शुरू किया था। शुरुआत हरियाणा के नूंह जिले के गांव से हुई। इसका मुख्यालय निजामुद्दीन में है।