सार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति तीन पत्नियां रखे।

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसके पति की तीन पत्नियां हों। सरमा ने रविवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार उत्तराखंड में लागू होने वाले यूसीसी का मसौदा तैयार करेगी।

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसके पति की तीन पत्नियां हों। कोई यह नहीं चाहता। आप किसी भी मुस्लिम महिला से पूछ सकते हैं। कोई भी आपको यह नहीं बताएगा कि उसके पति को तीन महिलाओं से शादी करनी चाहिए। यह कौन चाहता है। मुस्लिम पुरुष का एक से अधिक महिलाओं से विवाह करना उनकी समस्या नहीं बल्कि मुस्लिम माताओं और बहनों की समस्या है।

सरमा ने कहा कि अगर मुस्लिम महिलाओं और माताओं को समाज में सम्मान देना है तो ट्रिपल तलाक (कानून) के बाद यूसीसी को स्थापित करना होगा। मैं एक हिंदू हूं और मेरे पास यूसीसी है। मेरी बहन और बेटी के लिए भी यूसीसी है। अगर मेरी बेटी के लिए यूसीसी है तो मुस्लिम बेटियों को भी वह सुरक्षा मिलनी चाहिए।

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं
बता दें कि इन दिनों समान नागरिक संहिता पर बहस चल रही है। शनिवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समान नागरिक संहिता का विरोध करते हुए कहा था कि भारत में इसकी आवश्यकता नहीं है। बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है और आप समान नागरिक संहिता को लेकर चिंतित हैं। हम इसके खिलाफ हैं। विधि आयोग ने भी कहा है कि भारत में यूसीसी की जरूरत नहीं है। ओवैसी ने गोवा नागरिक संहिता के उस प्रावधान की ओर भी इशारा किया जो एक हिंदू पुरुष को दूसरी पत्नी रखने की अनुमति देता है यदि उसकी पहली पत्नी 30 साल की हो गई है और उसके कोई बेटा नहीं है। ओवैसी ने कहा कि इस पर बीजेपी क्या कहेगी? आप वहां सत्ता में हैं।

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