ओडिशा सरकार ने 2026 तक नक्सल-मुक्त भारत के लक्ष्य के तहत नई आत्मसमर्पण नीति शुरू की है। इसके तहत, आत्मसमर्पण करने वाले शीर्ष नक्सलियों को 1.20 करोड़ रुपये तक का पैकेज मिलेगा। रैंक और हथियारों के आधार पर भी इनाम दिए जाएंगे।

भुवनेश्वर: भारत को 31 मार्च, 2026 तक नक्सल-मुक्त बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए एक तरफ़ ज़ोरदार ऑपरेशन चल रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ ओडिशा सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए दी जाने वाली मदद की रक़म को बहुत ज़्यादा बढ़ा दिया है। इसके लिए एक नई सरेंडर और पुनर्वास नीति लाई गई है। इसके तहत, टॉप नक्सलियों को 1.20 करोड़ रुपये का सरेंडर पैकेज मिलेगा। बाकी नक्सलियों को उनकी रैंक के हिसाब से पैसे दिए जाएँगे।

नक्सल-विरोधी अभियान के इंचार्ज, एडिशनल डीजीपी संजीव पांडा ने बताया, 'अगर नक्सली संगठनों की सेंट्रल कमेटी, पोलित ब्यूरो या सेंट्रल मिलिट्री कमीशन जैसे बड़े पदों पर बैठे लोग सरेंडर करते हैं, तो उन्हें 1.20 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। इसमें से 10 लाख रुपये कैश दिए जाएँगे।' बाकी की रक़म एफडी, बच्चों की पढ़ाई और दूसरे खर्चों के लिए दी जाएगी।

किसे कितना मिलेगा?

गृह विभाग की सूचना के मुताबिक, नक्सली संगठनों के बड़े नेताओं को 1.20 करोड़ रुपये दिए जाएँगे। राज्य समिति/विशेष ज़ोनल समिति के सदस्यों को 65 लाख रुपये, रीजनल समिति के सदस्यों को 33 लाख रुपये, डिविजनल समिति के सचिव/मिलिट्री प्लाटून कमांडर को 27.50 लाख रुपये, डिविजनल समिति/मिलिट्री प्लाटून के डिप्टी कमांडर/एरिया समिति के सचिव को 22 लाख रुपये और कमांडर, स्थानीय संगठन दस्ते/स्थानीय गुरिल्ला दस्ते के सदस्यों को 11 लाख रुपये दिए जाएँगे। स्थानीय संगठन दस्ते/स्थानीय गुरिल्ला दस्ते के डिप्टी कमांडर को 5.50 लाख रुपये, टेक्निकल, इंटेलिजेंस, सप्लाई, मेडिकल, गण नाट्य संघ और सेंट्रल रीजनल कमांड जैसी खास टीमों के सदस्यों को 2.75 लाख रुपये दिए जाएँगे। दलम/कैडर/पार्टी सदस्यों को भी 1.65 लाख रुपये मिलेंगे।

हथियारों के आधार पर इनाम

'अगर सरेंडर करने वाले माओवादी पर सरकार ने कोई इनाम रखा है, तो उसे वह इनाम या आर्थिक मदद दी जाएगी। अगर कोई ऑपरेशन के दौरान हथियारों, ज़िंदा कारतूसों और विस्फोटकों के साथ सरेंडर करता है, तो भी उसे इस योजना का फ़ायदा मिलेगा। लाइट मशीन गन के साथ सरेंडर करने पर 4.95 लाख रुपये दिए जाएँगे। 

AK-47 के लिए पहले मिलने वाले 10,000 रुपये की जगह अब 3.3 लाख रुपये, SSR/INSAS राइफ़ल के लिए 10,000 की जगह 1.65 लाख रुपये और .303 राइफ़ल के लिए 5,000 की जगह 82,500 रुपये दिए जाएँगे।' इसके अलावा, नक्सलियों के बारे में जानकारी देने वाले आम लोगों को भी इनाम दिया जाएगा। अगर नक्सलियों के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, तो वे कोर्ट में चलते रहेंगे। उन्हें मुफ़्त कानूनी सेवा/वकील भी दिए जाएँगे। अगर मामले छोटे हैं, तो सरकार उन्हें बरी करने पर भी विचार कर सकती है।