सार
ओडिशा के ढेंकनाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गांव में 40 दलित परिवारों को सिर्फ इसलिए बायकॉट कर दिया, क्योंकि वहां एक दलित परिवार की लड़की ऊंची जाति के शख्स के घर से फूल तोड़ते पकड़ी गई थी। इसे लेकर दो समुदायों में तनातनी हो गई। इसके बाद 40 दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया।
भुवनेश्वर. ओडिशा के ढेंकनाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गांव में 40 दलित परिवारों को सिर्फ इसलिए बायकॉट कर दिया, क्योंकि वहां एक दलित परिवार की लड़की ऊंची जाति के शख्स के घर से फूल तोड़ते पकड़ी गई थी। इसे लेकर दो समुदायों में तनातनी हो गई। इसके बाद 40 दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया।
मामला ढेंकनाल जिले के कांतियो कतेनी का है। यहां 2 महीने पहले एक दलित परिवार की लड़की एक ऊंची जाति के शख्स के घर से फूल तोड़ती पकड़ी गई थी। इसके बाद दलित परिवारों का बायकॉट कर दिया गया।
गांव में दुकानदार नहीं दे रहे सामान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की के पिता निरंजन नायक ने बताया, इस घटना के बाद हमने तुरंत माफी मांगी थी। लेकिन उसके बाद भी गांव में बैठकें बुलाई गईं और हमारा बहिष्कार करने का फैसला किया गया। गांव में अब हमसे कोई बात नहीं कर रहा। ना ही किसी सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने दिया जा रहा है। यहां तक कि हमें कोई दुकानदार सामान तक नहीं दे रहा है। सामान लेने के लिए हमें 5 किमी दूर लेने जाना पड़ता है। गांव के लोग हमसे बात नहीं करते।
गांव में रहते हैं 800 परिवार
इस गांव में करीब 800 परिवार रहते हैं। इनमें से 40 परिवार नायक समुदाय से हैं। यह समुदाय अनुसूचित जाति में आता है। इस मामले में समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस को भी शिकायत पत्र दिया था। ज्ञापन में लिखा है, हमारे खिलाफ फरमान जारी कर दिया गया है। यहां तक की हम गांव में शादी और अंतिम संस्कार भी नहीं कर सकते। नजदीकी स्कूल में बच्चों को पढ़ने भी नहीं दिया जा रहा। समुदाय के टीचरों को भी ट्रांसफर कराने के लिए कहा गया है।