सार

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान अशोभनीय आचरण को लेकर शीतकालीन सत्र में निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मार्च भी निकाला।

नई दिल्‍ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य नेताओं के साथ बैठकी की। इस दौरान संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई इस बैठक में पवार के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत और द्रमुक नेता टी आर बालू भी शामिल हुए। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी और बैठकें होंगी, ताकि सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सके। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC)को नहीं बुलाया गया। पिछले दो दिनों में ही गोवा में कांग्रेस के कई नेता टीएमसी में शामिल हुए हैं। बैठक में नहीं बुलाने की वजह भी यही बताई जा रही है। आज भी टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) ने गोवा में कांग्रेस पर सवाल उठाए थे।

महाराष्ट्र से राउत और तमिलनाडु से बालू पहुंचे 
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को आमंत्रित किया था। इन दोनों नेताओं ने बैठक के लिए राउत और बालू को भेजा। इससे पहले, राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘अशोभनीय आचरण' को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला तथा सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया।  
 
निलंबन के मुद्दे पर बोले राउत, सांसदों को सदन में आने का हक 
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि हर सांसद को सदन में आने का हक है। सरकार बहुत सख्त रवैया अपना रही है। निलंबित सांसद इस ठंड में भी गांधी प्रतिमा पर बैठते हैं। तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है। निलंबन सरकार के हाथ में है तो वापसी भी सरकार के हाथ में है। आज हम गांधी प्रतिमा से चल कर यहां तक आए हैं, हम लड़ते रहेंगे, न डरेंगे और न पीछे हटेंगे।