सार

मणिपुर के ताजा हालात को लेकर विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। विपक्ष के सांसद इंडिया फॉर मणिपुर की तख्तियां लेकर रात भर संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करते रहे।

 

Opposition Protest. मानसून सत्र में संसद में व्यवधान की वजह से मणिपुर मसले पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद विपक्षी सांसदों का एक ग्रुप संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने के लिए बैठ गया। हाल ही बने में विपक्षी एलायंस इंडिया के तहत विरोध करने वाले सांसदों की डिमांड है कि पीएम मोदी मणिपुर मामले में संसद में बयान दें। सांसदों का कहना है कि दो महीने से ज्यादा समय से मणिपुर में हिंसा जारी है लेकिन पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर अभी तक एक भी शब्द नहीं कहा है। वहीं कांग्रेस प्रेसीडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के भीतर बयान देना चाहिए लेकिन वे संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करके चुप हैं।

'इंडिया फॉर मणिपुर' का स्लोगन

संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले सांसदों के हाथों में इंडिया फॉर मणिपुर की तख्तियां दिखाई दीं। वे रात 11 बजे से ही मौन प्रदर्शन करते रहे। रात में भी सांसदों का यह समूह गांधी प्रतिमा के पास मौजूद रहा। इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर संकट पर दोनों सदनों में पीएम मोदी द्वारा बयान दिया जाना चाहिए। लेकिन सरकार इससे लगातार इंकार कर रही है। वहीं इसी मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा और संसद नहीं चल पाई।

सरकार पर विपक्ष ने यह आरोप लगाए

कई विपक्षी सांसदों ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। विपक्ष बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति देकर बहस चाहता है और गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर यही आरोप लगाया है।

क्या कहती है कांग्रेस पार्टी

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पीएम को सदन में आकर बयान देना चाहिए। हम उस बयान पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आप बाहर बोल रहे हैं लेकिन अंदर नहीं, यह संसद का अपमान है जबकि यह गंभीर मामला है। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षी नेताओं पर बहस से भागने का आरोप लगाया और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों पर उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाया। कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें मणिपुर की दो आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराते हुए दिखाया गया है।

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