सार
महंगाई पर चर्चा को लेकर मानसून सत्र के शुरूआत से ही संसद में गतिरोध कायम रहा। विपक्ष ने संसद नहीं चलने दिया। सोमवार को सरकार इस पर चर्चा करा रही है। लोकसभा में महंगाई पर चर्चा हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शाम सात बजे इस पर अपना बयान दिया।
Debate on Price rise in Loksabha: महंगाई पर सोमवार को सरकार ने लोकसभा में चर्चा कराई। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान से असंतुष्ट कांग्रेसी सांसदों ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी मांगी। लेकिन महंगाई को नकारते हुए आंकड़े पेश कर रही निर्मला सीतारमण के बयान से नाराज कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस के हंगामा पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस का दोगला चरित्र उजागर हुआ है।
इसके पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने मुद्रास्फीति की दर 7 प्रतिशत से कम रखा है। फिलहाल खुदरा महंगाई सात फीसदी पर है। 2004 से 2014 तक यूपीए शासन के दौरान महंगाई दहाई अंकों में चली गई थी। यूपीए की अवधि के दौरान, मुद्रास्फीति लगातार 22 महीनों के लिए 9% से ऊपर थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, श्रीलंका या पाकिस्तान आईएमएफ के आगे हाथ पसारे हुए हैं लेकिन भारत के सामने ऐसी स्थिति नहीं है। हमारे पास पर्याप्त रिजर्व है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका, बांग्लादेश या पाकिस्तान से भारत की तुलना करने वालों को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने यूएस व यूरोपियन देशों की जीडीपी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत बहुत ही जिम्मेदार तरीके से अपनी अर्थव्यवस्था को संभाला। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर सेस को लेकर तमाम सवाल उठते हैं तो आरबीआई का डेटा देखिए। उन्होंने बताया कि 90 लाख करोड़ रुपये से अधिक हमने विकास पर खर्च किया। यूपीए सरकार में यह आंकड़ा 49 लाख करोड़ रुपये के आसपास था जो हमारी सरकार के विकास के मामले में कहीं नहीं ठहरता है।
भारत में गरीबी रेखा से नीचे जाने वाले लोगों का आंकड़ा जीरो
उन्होंने कहा कि फ्यूल व फूड वगैरह के दामों के बढ़ने की वजह से लोग कह रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे काफी संख्या में लोग चले जाएंगे। लेकिन यूएनडीपी की रिपोर्ट में यह साफ है कि भारत में जीरो प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जाएंगे।
मेरा भी भाषण राजनीतिक होगा
भाषण की शुरूआत करते हुए लोकसभा में महंगाई पर बयान देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई पर विपक्ष का आरोप डेटा आधारित न होकर राजनीतिक है। इसलिए मेरा भाषण भी इस पर राजनीतिक भी होगा। उन्होंने कहा कि पैनडेमिक के बावजूद हम विश्व की अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर हैं। हम पूरे विश्व के अन्य देशों से बेहतर ग्रोथ कर रहे हैं। हम अन्य देशों से काफी बेहतर हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया से हम बेहतर ग्रोथ कर रहे हैं, सारी एजेंसियां हमारे बारे में कह रही हैं तो यहां के विपक्ष को सरकार और जनता की तारीफ करनी चाहिए।
भारत में मंदी नहीं आने वाली
लोकसभा में यूएस की जीडीपी पर बात करते हुए कहा कि भारत में यूएस की तरह मंदी नहीं आने वाली है। उन्होंने ब्लूमबर्ग सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वे में भारत में मंदी पर शून्य प्रतिशत की संभावना जताई गई है। उन्होंने कहा कि चीन में चार हजार से अधिक बैंक दिवालिया होने वाले हैं। जबकि भारत में एनपीए की स्थिति पिछले छह साल में सबसे अधिक है। इसलिए हमारे बैंक भी बेहतर कर रहे हैं। डेब्ट टू जीडीपी रेशियो कई प्रमुख देशों में तीन डिजिट में है। जबकि भारत इन देशों से काफी बेहतर है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम आज पूरे जुलाई महीने में जीएसटी का कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ है जो सबसे अधिक है। उन्होंने कई अन्य आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था हर मोर्चे पर बेहतर कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासन में अर्थव्यवस्था फ्रेजाइल हो गई थी लेकिन हम तो पैनडेमिक, सेकेंड वेव, ओमिक्रोन, ग्लोबल ट्रेड में दिक्कत का सामना करने के बावजूद काफी अच्छी स्थिति में है।
रघुराम राजन का भी किया जिक्र
निर्मला सीतारमण ने रघुराम राजन का जिक्र करते हुए कहा कि आरबीआई ने बढ़िया काम किया है जिससे हमारी स्थिति श्रीलंका जैसे देशों जैसा नहीं होगा। हमारे पास एक्सचेंज रिजर्व पर्याप्त है, हमारे पास विदेशी कर्ज भी कम है। इसलिए हम श्रीलंका जैसी स्थिति में नहीं है। दुनिया में फूड इन्फ्लेशन कम हो रहे तो भारत में भी कम होना है। उन्होंने कहा कि रघुराम राजन ने यह नहीं बताया कि भारत किस वजह से बेहतर स्थिति में है। यह हम बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि कस्टम ड्यूटी हमने पॉम ऑयल पर घटाया, खाद्य तेलों पर ड्यूटी घटाई जिससे लोगों को सस्ता तेल मिला। सोयाबीन व सनफ्लावर ऑयल को भी इंपोर्ट करने के लिए हमने ड्यूटी हटा दी।