सार
महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) पर लोकसभा में बहस हो रही है। इसके लिए सात घंटे समय रखा गया है। आज बिल पाए किए जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। पांच दिन तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) का आज तीसरा दिन है। आज लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस हो रही है। आज इसे लोकसभा से पास किया जा सकता है। इस विधेयक के अनुसार महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। 11 बजे से लोकसभा में बहस शुरू हुई।
महिला आरक्षण बिल पर क्या बोलीं स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि मेरे संगठन ने मुझे अनगिनत मौके दिए। ईरानी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के भाषण की तारीफ की और कहा उन्होंने जो सदन में बोला उसका आभार वंदन करती हूं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 73 और 74 को नरसिम्हा राव सरकार ने संसोधित किया। संविधान को छिन्न-भिन्न करना कांग्रेस की पुरानी आदत है।
संसद का विशेष सत्र लाइव अपडेट्स
- वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि हमारी पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने फैसला किया है कि हमें महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करना है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पहले ही इसे आंध्र प्रदेश राज्य में लागू कर रही है। हम इस विधेयक को पूरा समर्थन देंगे।
- महिला आरक्षण बिल पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। पहले देश में जनगणना कराई जाएगी। इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी वक्त लगता है। इसके बाद ही ये बिल लागू होगा। इससे साफ है कि बीजेपी का इरादा आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने का है।
- जदयू ने महिला आरक्षण बिल को समर्थन दिया है। ललन सिंह ने लोकसभा में बोलते हुए जाति जनगणना कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार पहले जाति जनगणना करा लेती तो महिला आरक्षण विधेयक को जल्द लागू किया जा सकता था।
- डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि मैंने खुद आरक्षण बिल लाने का मुद्दा संसद में कई बार उठाया है। मेरे कई तारांकित और अतारांकित सवालों पर सरकार का जवाब बहुत सुसंगत था। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी हितधारकों, राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर बहस में शामिल करना होगा और फिर विधेयक लाने से पहले आम सहमति बनानी होगी। मैं जानना चाहूंगी कि किस तरह की आम सहमति बनी। क्या चर्चाएं हुईं। यह विधेयक गोपनीयता में छिपाकर लाया गया। हमें नहीं पता कि यह सत्र किस लिए बुलाया गया था।
- महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा कि मैं इसके समर्थन में खड़ी हूं। स्त्री के धैर्य का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। भारतीय नारी ने सबकी भलाई के लिए कार्य किया। भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है। स्त्री ने हमें सोचने समझने की शक्ति दी। स्त्रियां कंधे से कंधे मिलाकर लड़ीं। महिलाओं को स्थानीय निकायों में आरक्षण देने के लिए राजीव गांधी बिल लेकर आए थे।
- महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा कि इसे राजीव गांधी के समय लाया गया था।
- राज्यसभा और लोकसभा में कार्यवाही शुरू हो गई है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला संसद भवन पहुंच गया है। पीएम ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीनियर मंत्रियों के साथ बैठक की।
नरेंद्र मोदी ने 19 सितंबर को बताया ऐतिहासिक दिन
मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 सितंबर को "ऐतिहासिक दिन" बताया। उन्होंने विपक्षी दलों से विधेयक पारित करने का आग्रह किया था।
बहस के लिए लोकसभा के पास हैं 7 घंटे
महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के लिए लोकसभा के पास 17 घंटे हैं। बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है। इसे लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया गया। इसका लाभ लोकसभा चुनाव 2024 में नहीं मिलेगा। परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
सोनिया गांधी ने रखी अपनी बात
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी बात रखी। उन्होंने बिल का समर्थन किया। इससे पहले महिला आरक्षण को लेकर पहली बार 2008 में यूपीए सरकार द्वारा बिल राज्यसभा में पेश किया गया था। इस बिल को 2010 में पारित किया गया था, लेकिन लोकसभा में इस पर कभी विचार नहीं किया गया।
लोकसभा में पुराना बिल पेश नहीं किया गया है। यह नया बिल है। महिला आरक्षण विधेयक आम सहमति और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण पिछले 27 वर्षों से लटका हुआ है।
अधीर रंजन चौधरी का आरोप संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द हटाए गए
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन सांसदों को संविधान की जो नई प्रतियां दी गईं, उनकी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर ये दोनों शब्द संविधान में मौजूद नहीं हैं तो यह चिंताजनक बात है। सरकार संविधान बदल रही है।