Parliament's Winter Session: केंद्र सरकार सोमवार को 'हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025' पेश करने जा रही है, जिसके तहत पान मसाला और अन्य सिन गुड्स पर उत्पादन क्षमता के आधार पर नया सेस लगाया जाएगा। यह सेस GST मुआवजा सेस की जगह लेगा।

Health Security National Security Cess Bill 2025: आज, सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। देश में पब्लिक हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी को मज़बूत करने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। 1 दिसंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 'हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025' पेश करेंगी, जिसके तहत पान मसाला और अन्य तय की जाने वाली सिन गुड्स पर नया सेस लगाया जाएगा। यह बिल आते ही देशभर में कई उद्योगों, खासकर पान मसाला और तंबाकू सेक्टर में हलचल तेज हो गई है।

नया हेल्थ एंड नेशनल सिक्योरिटी सेस क्या है?

इस प्रस्तावित कानून के तहत सरकार पान मसाला सहित किसी भी ऐसे प्रोडक्ट पर सेस लगा सकती है, जिसे पब्लिक हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी के लिए जोखिम माना जाता है। शुरुआत पान मसाला से होने की उम्मीद है, जबकि आगे चलकर यह बीडी को छोड़कर सिगरेट, जर्दा, गुटखा, च्यूइंग तंबाकू जैसे उत्पादों पर भी लागू हो सकता है।

सेस कैसे लगेगा?

बिल की सबसे खास बात यह है कि सेस प्रोडक्शन कैपसिटी के आधार पर लगाया जाएगा, न कि बिक्री पर। फैक्ट्री अपनी मशीनों की क्षमता खुद डिक्लेयर करेंगी। उदाहरण के लिए अगर किसी मशीन की क्षमता 2.5 ग्राम के 1,000 से 1,500 से ज्यादा पाउच या कंटेनर बनाने की है, तो प्रति मशीन प्रति महीने सेस ₹30.3 लाख होगी। अगर इन पाउच का वजन 2.5 ग्राम से ज्यादा लेकिन 10 ग्राम से कम है, तो प्रति मशीन प्रति माह सेस ₹1,092 लाख होने की उम्मीद है और अगर कंटेनर का वजन 10 ग्राम से ज्यादा है, तो प्रति मशीन प्रति माह सेस की राशि बढ़कर ₹2,547 लाख हो जाएगी।

GST कंपेन्सेशन सेस की जगह लेगा नया सेस

GST मुआवजा सेस 2017 से राज्यों को रेवन्यू लॉस पूरा करने के लिए लगाया जाता था। अब कोविड काल में लिए गए बैक-टू-बैक लोन का भुगतान लगभग पूरा होने वाला है, इसलिए यह सेस दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। नई व्यवस्था में सभी तंबाकू उत्पादों पर 28% GST और नॉर्मल टैक्स जारी रहेगा, लेकिन बीड़ी को छोड़कर बाकी सभी सिन गुड्स पर हेल्थ एंड नेशनल सिक्योरिटी सेस लगाया जाएगा।

क्यों जरूरी है नया सेस?

  • बढ़ते हेल्थ एक्सपेंडिचर को कवर करने के लिए
  • नेशनल सिक्योरिटी फंड को मजबूत करने के लिए
  • पान मसाला-तंबाकू जैसे उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करने के लिए
  • डिजिटल और हाई-टेक रेगुलेशन लागू करने के लिए

इंश्योरेंस सेक्टर को भी बड़ा झटका

सरकार इसी सत्र में इंश्योरेंस लॉ अमेडमेंट बिल, 2025 (Insurance Laws Amendment Bill 2025) भी पेश करने जा रही है, जिससे इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा। यह विदेशी निवेशकों के लिए बड़ा अवसर और कंपनियों के लिए तेज विकास की गारंटी माना जा रहा है।

क्या महंगा होगा, किस पर असर?

नए सेस से सबसे ज्यादा असर पान मसाला इंडस्ट्री, गुटखा-जर्दा निर्माता, च्यूइंग तंबाकू कंपनियों और सिगरेट कंपनियों पर पड़ेगा। इन प्रोडक्ट्स को खरीदने वाले उपभोक्ताओं पर भी असर देखने को मिलेगा। कीमतें बढ़ेंगी तो खर्चा भी बढ़ेगा।