सार
कभी यूपीए की सहयोगी तृणमूल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और खुदरा सुधार को लेकर 2012 में गठबंधन से बाहर हो गई थी, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी।
नई दिल्ली। राज्यों में विस्तार के क्रम में कांग्रेस (Congress) के नेताओं को पार्टी में शामिल करा रही तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) ने संसद (Paliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में विपक्षी एकता (Opposition Unity) के लिए एकजुट रहने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस से तमाम असहमतियों के बाद भी टीएमसी (TMC) ने साफ किया है कि एकजुट विपक्ष का वह हिस्सा बनी रहेगी। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक बात स्पष्ट कर दी कि कांग्रेस के साथ उसके समीकरण अन्य दलों के समान नहीं है क्योंकि दोनों पार्टियों चुनावी गठबंधन नहीं की हैं।
क्यों डेरेक ओ ब्रायन ने कहा दोनों दलों में है अंतर
राज्यसभा में तृणमूल के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन (Derek O' Brien) ने विपक्ष को एकजुट करने वाले आम मुद्दों को बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे यह भी बताना चाहिए कि राजद, द्रमुक, राजद और सीपीएम के बीच अंतर है - - वे सभी कांग्रेस के चुनावी सहयोगी हैं। राकांपा-शिवसेना और झामुमो कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी चुनावी सहयोगी नहीं है और न ही हम उनके साथ सरकार चला रहे हैं। यही अंतर है।
दस साल पहले कांग्रेस और टीएमसी अलग हुए थे
कभी यूपीए (UPA) की सहयोगी TMC डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और खुदरा सुधार को लेकर 2012 में गठबंधन से बाहर हो गई थी, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी। 2014 तक यूपीए सरकार, समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बाहरी समर्थन पर टिकी हुई थी।
पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के कई असंतुष्ट टीएमसी में
पिछले कुछ महीनों में तृणमूल कांग्रेस कई राज्यों में विस्तार की योजना को तेज कर दी है। टीएमसी के इस कदम के बाद कांग्रेस के तमाम असंतुष्ट नेता ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो रहे हैं। पिछले हफ्ते, यह मेघालय में प्रमुख विपक्षी दल बन गया क्योंकि मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस के 12 विधायक शामिल हो गए। त्रिपुरा निकाय चुनाव में भी टीएमसी मुख्य विपक्ष बन चुकी है। उसने सीपीएम की तुलना में बड़ा वोट शेयर हासिल किया, जिसने पहले राज्य पर शासन किया था। गोवा में कांग्रेस के पूर्व सीएम सहित कई बड़े नेता पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सहायता से, तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी गोवा और त्रिपुरा में 2023 के चुनावों के लिए विस्तृत आधार तैयार कर रही हैं।
बिहार में भी टीएमसी ने कई नेताओं को शामिल किया
पिछले सप्ताह टीएमसी ने कांग्रेस और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख नेताओं को शामिल करने के साथ हरियाणा और पड़ोसी बिहार में भी पैर जमा लिया।
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