सार

पीएमएलए कोर्ट ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दोनों को 18 अगस्त को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विशेष पीएमएलए कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग नियुक्ति घोटाले (SSC Scam) में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 

जज जिबोन कुमार साधु ने ईडी की प्रार्थना पर चटर्जी और मुखर्जी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत को मंजूरी दी। कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी और आदेश दिया कि दोनों (पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी) को 18 अगस्त को फिर से पेश किया जाए। 18 को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।

23 जुलाई को हुए थे गिरफ्तार
घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। दोनों अब तक ई़डी के हिरासत में थे। ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से 49.8 करोड़ रुपए नकद और भारी मात्रा में सोना बरामद किया है। इसके साथ ही दोनों द्वारा संयुक्त रूप से खरीदी गई संपत्ति के बारे में भी जानकारी मिली है।

गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया था। इसके साथ ही उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया है। पार्थ ने उन्हें निलंबित करने के टीएमसी के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की थी।

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ईडी ने कोर्ट को बताया था चटर्जी की हिरासत के दो दिन हुए बर्बाद
पूछताछ के दौरान अर्पिता मुखर्जी ने ईडी को बताया था कि उनके घर से बरामद पैसे चटर्जी के हैं। हालांकि, चटर्जी ने दावा किया है कि उन्हें साजिश का शिकार बनाया गया। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि चटर्जी की हिरासत के 15 दिनों में से कम से कम दो दिन बर्बाद हो गए। चटर्जी ने बीमार होने का दावा किया था, जिसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती किया गया था।

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