सार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का फैसला किया है। पांच नए चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बुधवार को फेरबदल की घोषणा हो सकती है।

कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाला केस में पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) के गिरफ्तार होने के चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगी। ममता ने पार्थ को पहले ही मंत्रिमंडल से निकाल दिया है। ममता मंत्रिमंडल में पांच नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपने मंत्रालय में फेरबदल करेंगे, लेकिन इसे पूरी तरह से नहीं बदलेंगे जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं।

दरअसल, ममता मंत्रिमंडल में बदलाव की उम्मीद थी। वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी को करोड़ों रुपए के नोट बरामद होने के बाद उनके पद से हटा दिया गया था। एक अन्य वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी का पिछले साल निधन हो गया था। मुखर्जी ने पंचायत विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट में पांच नए चेहरों को लाया जाएगा। बुधवार को फेरबदल की घोषणा हो सकती है। चार मौजूदा मंत्रियों को हटाया जाएगा। उन्हें तृणमूल कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

सरकार में दूसरे नंबर पर थे पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी सरकार में नंबर टू कहा जाता था। पार्टी और सरकार में उन्हें ताकतवर पद मिले हुए थे। उनके पास वाणिज्य और उद्योग, संसदीय कार्य, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स और सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण जैसे हाईप्रोफाइल मंत्रालय थे। इसके साथ ही वह टीएमसी से महासचिव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे।

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने 13 हजार शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा का रिजल्ट 27 नवंबर 2017 को आया। रिजल्ट आने के बाद मेरिट लिस्ट बनाई गई, जिसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार 77 अंक के साथ टॉप 20 में शामिल थी। लेकिन बाद में आयोग ने इस मेरिट लिस्ट को कैंसिल कर दिया और इसकी जगह दूसरी लिस्ट तैयार की। इस लिस्ट में बबीता सरकार का नाम वेटिंग में था। 

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बबीता से कम नंबर पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर था। अंकिता तृणमूल कांग्रेस के एक मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। इसके बाद बबीता और कुछ लोगों ने मिलकर इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़े पैमाने पर पैसों के हेरफेर का पता चला। इसके बाद जांच में ईडी की एंट्री हुई।

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