सार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि जो लोग कोरोना के संदिग्ध हैं या जिनमें हल्के लक्षण हैं उन रोगियों को अब घर पर ही क्वारंटाइन किया जा सकेगा। निर्देश में कहा गया है कि जिन रोगियों में हल्के लक्षण हैं और उनके पास घर में अकेले रहने की जगह है। साथ ही उनके चौबीसो घंटे देखरेख करने के लिए लोग मौजूद हैं तो ऐसे रोगियों को घर में ही पृथक रखा जा सकता है। 

नई दिल्ली. भारत में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक देश में 28 हजार से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि इससे 8 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अगर अन्य देशों की तुलना में देखे तो भारत में संक्रमण फैलने की गति काफी धीमी है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि जो लोग कोरोना के संदिग्ध हैं या जिनमें हल्के लक्षण हैं उन रोगियों को अब घर पर ही क्वारंटाइन किया जा सकेगा। निर्देश में कहा गया है कि जिन रोगियों में हल्के लक्षण हैं और उनके पास घर में अकेले रहने की जगह है। साथ ही उनके चौबीसो घंटे देखरेख करने के लिए लोग मौजूद हैं तो ऐसे रोगियों को घर में ही पृथक रखा जा सकता है। 

रोगी को सेल्फ क्वारंटाइन के लिए खुद तय करना होगा

इसके लिए रोगी को खुद आगे आकर बताना होगा की वह स्वेच्छा से घर में अकेले रहना चाहता है। इसी के साथ सरकार ने ऐसे मामलो के लिए कई आवश्यक सतर्कता संबंधी दिशा निर्देश जारी किए हैं। बतादें कि अभी तक संदिग्ध रोगियों और हल्के लक्षणों वालों को कोविड केयर सेंटर में रखने का प्रावधान है। अभी तक सभी संदिग्ध और पुष्टि हुए मामलों में लोगों को अस्पताल में आइसोलेट किया जाता रहा है । वहीं नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए इसे तीन चरणों में बांटा गया है। जैसे बहुत हल्के सिम्टम्स वाले मरीजों को कोविड देखभाल केंद्र में, मध्यम स्तर के रोगियों को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र में और गंभीर श्रेणी के रोगियों को कोविड समर्पित अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। हालांकि, नए निर्देश में हल्के सिम्टम्स वाले रोगियों को अपने निवास स्थान पर सेल्फ क्वारंटाइन और आइसोलेशन का विकल्प है दिया गया है।

इन्हें किया जा सकता है होम आइसोलेशन 

1. ऐसे रोगी जिनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हो।  
2. जो सेल्फ-आइसोलेशन के दौरान परिवार के संपर्क में न आए।
3. वैसे रोगी जिसके पास चौबीसो घंटे देखभाल के लिए कोई न कोई मौजूद हो।
4. जिसके मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप हो जिसमें हर समय ब्लूटूथ चालू हो।
5. देखभाल करने वाले को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेनी होगी।
6. रोगी को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए सहमत होना होगा और नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य स्थिति    निगरानी टीमों द्वारा आगे की निगरानी के लिए जिला निगरानी अधिकारी को सूचित करेगा। 
7. रोगी सेल्फ क्वारंटाइन के लिए घर पर क्वारंटाइन नियमों का पालन करने के संबंध में एक घोषणा प्रपत्र भरकर देगा वही,    व्यक्ति होम आइसोलेशन के लिए पात्र होगा। 
8. होम क्वारंटाइन से जुड़े सभी दिशा-निर्देश देखभाल करने वाले और रोगी दोनों को ही पालन करना होगा।

कब कर सकते हैं होम आइसोलेशन खत्म

जिस रोगी को चिकित्सा अधिकारी जांच के बाद प्रमाणित कर देंगे की इनमें संक्रमण अब नहीं है। वे होम आइसोलेशन बंद कर सकते हैं।