सार
केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। बता दें कि PFI से पहले भी सरकार 42 संगठनों पर बैन लगा चुकी है।
PFI Banned: गृह मंत्रालय ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट यानी UAPA के तहत लिया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। बता दें कि UAPA के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन को 'गैरकानूनी' या 'आतंकवादी' घोषित कर सकती है। पीएफआई से पहले भी ऐसे कई संगठन रहे, जिन्हें आतंकी संगठन घोषित कर उन पर बैन लगाया जा चुका है। इनमें सिमी से लेकर बब्बर खालसा, और जमीयत अल मुजाहिदीन जैसे करीब 42 संगठन शामिल हैं।
इन संगठनों पर लग चुका है बैन :
1- सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया)
2- लश्कर-ए-तैयबा/पासबन-ए-अहले हदीस
3- जैश-ए-मोहम्मद / तहरीक-ए-फुरकान
4- हरकत-उल-मुजाहिदीन या हरकत-उल-अंसार या हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी या अंसार-उल-उम्मा (एयूयू)
5- हिज्ब-उल-मुजाहिदीन/हिज्ब-उल-मुजाहिदीन पीर पंजाल रेजिमेंट
6- अल-उमर-मुजाहिदीन
7- जम्मू और कश्मीर इस्लामिक फ्रंट
8- इस्लामिक स्टेट/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया/दाएश/इस्लामिक स्टेट इनखुरासान प्रांत (ISKP)/ISIS विलायत खुरासान/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द शाम-खुरासान (ISIS-K) और इसके सभी संगठन।
9- बब्बर खालसा इंटरनेशनल
10- खालिस्तान कमांडो फोर्स
11- खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स
12- इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन
13- यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा)
14- असम का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी)
15- लिब्रेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलम (LTTE)
16- दीदार अंजुमन
17- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)
18- माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी)
19- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए)
20- यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ)
21- पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक (PREPAK)
22- कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी)
23- कंगलेई याओल कंबा लुप (केवाईकेएल)
24- मणिपुर पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट
25- ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स
26- नेशनल लिब्रेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा
27- तमिलनाडु लिब्रेशन आर्मी (TNLA)
28- तमिल नेशनल रिट्रीवल ट्रूप्स (TNRT)
29- अल बदर
30- जमीयत अल मुजाहिद्दीन
31- अल कायदा-अल कायदा इन इंडियन सब कॉन्टीनेंट
32- दुख्तारन-ए-मिल्लत (DEM)
33- तहरीक उल मुजाहिद्दीन
34- जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन भारत या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान और इसके सभी घटक
35- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) इसके सभी सहयोगी प्रमुख संगठन
36- इंडियन मुजाहिदीन, इसके सभी फॉर्मेशन और फ्रंट ऑर्गनाइजेशन
37- गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (GNLA), इसके सभी फॉर्मेशन और फ्रंट संगठन
38- कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन, इसके सभी फॉर्मेशन और फ्रंट ऑर्गनाइजेशन
39- नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (खापलांग) और इसके सभी संगठन
40- खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF)
41- नेपाली एकता समाज
42- संयुक्त राष्ट्र की प्रिवेंशन ऑफ सप्रेशन ऑफ टेररिज्म लिस्ट में शामिल संगठन
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क्या है UAPA कानून?
संसद ने 1967 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act) बनाया था, जिसे UAPA कहते हैं। हालांकि 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए। 2019 के संशोधन में इस एक्ट में बेहद कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। 2019 में हुए संशोधन में सबसे अहम बात ये है कि इस कानून के तहत सरकार किसी संगठन या संस्था को ही नहीं बल्कि किसी व्यक्ति विशेष को भी आतंकवादी घोषित कर सकती है।
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UAPA में किसी शख्स या संगठन को आतंकी घोषित करने के 4 आधार :
गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में में संशोधित यूएपीए बिल पेश किया था। संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अगस्त, 2019 में इसे मंजूरी दी थी। UAPA की धारा 35 केंद्र सरकार को किसी संगठन को आतंकी घोषित करने का अधिकार देती है। हालांकि, किसी शख्स या संगठन को आतंकी घोषित करने के लिए ये 4 आधार रखे गए हैं।
1- जो शख्स या संगठन आतंकी घटना को अंजाम देगा या इसमें सहयोग करेगा।
2- जो व्यक्ति या संस्था किसी आतंकी घटना की तैयारी कर रही होगी।
3- जो भी आदमी या संगठन देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले काम करेगा।
4- जिस शख्स या संगठन का किसी भी तरह के आतंकवाद से कनेक्शन पाया जाएगा।
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