सार

भारत को आजाद हुए आज सत्तर दशक से ज्यादा हो गए हैं। जब देश बना तो संविधान निर्माताओं ने तय किया कि हम धार्मिक देश नहीं बनेंगे। सभी धर्म के लोग इस देश में रहेंगे। आजादी के इतने सालों बाद आये दिन खबरों में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल की तस्वीरें और उनमें छुपी मार्मिक कहानी सामने आती रहती हैं। आइए हम कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताते हैं, जिसने हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए मजबूत भारत की तस्वीरें पेश की। 

नई दिल्ली. भारत को आजाद हुए आज सत्तर दशक से ज्यादा हो गए हैं। जब देश बना तो संविधान निर्माताओं ने तय किया कि हम धार्मिक देश नहीं बनेंगे। सभी धर्म के लोग इस देश में रहेंगे। आजादी के इतने सालों बाद आये दिन खबरों में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल की तस्वीरे और उनमें छुपी मार्मिक कहानी सामने आती रहती हैं। आइए हम कुछ ऐसे ही घटनाओं के बारे में बताते हैं, जिसने हिन्दू + मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते मजबूत भारत की तस्वीरें पेश की। 

पहली तस्वीर

यह दो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें पृथ्वीराज सिंह जडेजा दो बच्चियों को अपने कंधे पर बैठाकर जा रहे थे। तभी उनका पैर चोटिल हो गया। जिसके बाद दूसरी तस्वीर में कॉन्स्टेबल फिरोज भाई ने उनके पैरो की मसाज की, जिससे उन्हें आराम मिल सके। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है

 

दूसरी तस्वीर

यह तस्वीर यूपी के बरेली के भमोरा थाने की है। जहां एसओ  जावेद खान ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की पेश की थी। जावेद खान ने पुरानी परम्परा को निभाने के लिए न सिर्फ कांवड़ियों का स्वागत किया बल्कि थाने के शिव मंदिर में जलाभिषेक भी किया। दरअसल, सावन माह में हजारों की तादात में कांवड़िए बदायूं के कछला गंगा घाट से गंगा जल लेकर शिव मंदिरों पर जलाभिषेक करने जाते है। बदायूं रोड पर पड़ने वाले थाना भमोरा पुलिस कांवड़ियों का स्वागत करती है और थाने के एसओ मंदिर में जलाभिषेक भी करते है। लोगों को शक था कि मुस्लिम एसओ के रहते ये परंपरा कैसे निभेगी। लेकिन एसओ जावेद खान ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की।

तीसरी तस्वीर

यह मामला वाराणसी के हरहुआ के है। जहां पर हिन्दू परिवार की 19 साल की लड़की सोनी की मलेरिया से पीड़ित होने पर मौत हो गई थी। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जब कंधा देने की नौबत आई तो समुदाय की ओर से हिंदू की अर्थी को कंधे कम नहीं पड़ने दिए। मुस्लिम और हिन्दू युवकों ने कंधा देकर मणिकर्णिका घाट ले जाकर युवती का अंतिम संस्कार किया और रास्‍ते भर 'राम नाम सत्‍य है' भी बोलते रहे।

चौथी तस्वीर

यह मामला 12 जून 2019 का यूपी के अलीगढ़ शहर का है। जहां वैन में हिंदू लड़की समेत 7 लोग सवार थे। सभी महेशपुर जा रहे थे। तभी 5 नकाबपोश ने ड्राइवर शफी मोहम्मद अब्बासी को मारना शुरू कर दिया। इस दौरान वैन में ही सवार पूजा चौहान नाम की महिला ड्राइवर को बचाने आगे आ गई और गुस्साए नकाबपोश बदमाशों को समझाया।  अब्बासी का कहना है कि अगर पूजा न होती तो वे लोग उन्हें मार ही डालते। अब्बासी के मुताबिक वे पूजा और उसके परिवार को 32 सालों से जानते हैं और पूजा को बेटी की तरह मानते हैं। घटना के बाद पूजा चौहान ने सिविल लाइंस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। अलीगढ़ पुलिस ने इस मामले में दस लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 323 और 507 में मुकदमा दर्ज किया है।

पांचवी तस्वीर

यह तस्वीर पुलवामा की है, जहां 80 साल पुराना शिव मंदिर टूट गया था जिसके बाद उसका दोबारा निर्माण कराया। 

छटवीं तस्वीर

यह तस्वीर साल 2018 केरल बाढ़ की है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को हिंदू मंदिर में नमाज अदा करने की इजाजत दी गई। 

 

सातवीं तस्वीर

यह तस्वीर तब की है, जब हिंदू शख्स ने कश्मीरी मुस्लिम युवक को किडनी दी। बाद में मुस्लिम युवक की पत्नी ने हिंदू युवक को दोबारा किडनी दे दी। 

आठवीं तस्वीर

यह तस्वीर  असम की है जब मुस्लिम युवक ने कर्फ्यू के दौरान हिंदू प्रेग्नेंट महिला को अपने ऑटोरिक्शा से हॉस्पिटल पहुंचाया।  

नौवी तस्वीर

यह तस्वीर साल 2018 देहरादून है। जब एक मुस्लिम परिवार ने 12 साल की उम्र में अनाथ हिंदू लड़के को गोद लेकर अपनी बेटी से उसकी शादी कर दी। 

 

तस्वीर नंबर दस

यह तस्वीर साल 2018 की है। जब पश्चिम बंगाल में रबी शेख नाम के एक मुस्लिम लड़के की दोस्ती की मिसाल दी जा रही हैं। रबी के जिगरी दोस्त मिलन दास की इसी साल मई में मौत हो गई। उसके परिवार में कोई नहीं था, इसलिए पड़ोसी इस चिंता में थे कि आखिर उसका अंतिम संस्कार कौन करेगा। ऐसे में मिलन के दोस्त रबी ने उसके अंतिम संस्कार का फैसला किया। इतना ही नहीं, मुस्लिम होते हुए भी उसने सभी क्रियाकर्म हिन्दू रीति-रिवाज से किए।