सार
मोदी ने तमिलनाडु के डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के 33वें दीक्षांत समारोह में कहा कि पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों की संख्या 24,000 बढ़ाई गई है, इसमें 2014 की तुलना में 80% की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में देश में सिर्फ छह एम्स थे। पिछले छह वर्षों में हमने देश भर में 15 और एम्स को मंजूरी दी है। वे शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये कार्यक्रम से जुड़े।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के 33वें दीक्षांत समारोह में कहा कि पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों की संख्या 24,000 बढ़ाई गई है, इसमें 2014 की तुलना में 80% की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में देश में सिर्फ छह एम्स थे। पिछले छह वर्षों में हमने देश भर में 15 और एम्स को मंजूरी दी है। पीएम मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह में कुल 17,591 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किया गया। इस दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री के नाम है यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी का नाम तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. एम. जी. रामचंद्रन के नाम पर रखा गया है। इसके साथ ही इसमें मेडिकल, फॉर्मेसी, नर्सिंग, आयुष, फिजियोथेरेपी जैसे 686 संबद्ध संस्थान हैं। इस यूनिवर्सिटी में 41 मेडिकल कॉलेज, 19 डेंटल कॉलेज, 48 आयुष कॉलेज, 199 नर्सिंग कॉलेज, 81 फार्मेसी कॉलेज और बाकी विशेष पोस्ट-डॉक्टरल मेडिकल संस्थान शामिल है। यह तमिलनाडु के कोने कोने तक फैला है।
मोदी ने यह भी कहा
- मुझे बताया गया है कि आज 21,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों को डिग्री और डिप्लोमा मिल रहा है, इनमें से 70% महिलाएं हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं को नेतृत्व करते देखना गर्व और खुशी की बात है।
- हमारी सरकार ने तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की अनुमति दी है। ये कॉलेज उन जिलों में स्थापित किए जाएंगे, जहां वर्तमान में मेडिकल कॉलेज नहीं है। इनमें से प्रत्येक कॉलेज के लिए, भारत सरकार 2,000 करोड़ रुपए देगी।
- हमारे देश में डॉक्टर सबसे सम्मानित पेशेवरों में से हैं। आज महामारी के बाद यह सम्मान और भी अधिक बढ़ गया है। यह सम्मान इसलिए है, क्योंकि लोग आपके पेशे की गंभीरता को जानते हैं जहां कई बार, यह सचमुच किसी के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल है। हालांकि, गंभीर होना और गंभीर दिखना दो अलग-अलग चीजें हैं। मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप अभी भी अपनी सूझबूझ बनाए रखें। यह आपके रोगियों को खुश करने और उनका मनोबल ऊंचा रखने में भी आपकी मदद करेगा।
- पिछले 6 वर्षों के दौरान, एमबीबीएस सीटों में 30 हजार से अधिक की वृद्धि हुई, जो 2014 से 50% से अधिक बढ़ी। पीजी सीटों की संख्या में 24 हजार की वृद्धि हुई जो 2014 से लगभग 80% बढ़ी।