सार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती का ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हुए।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती का ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हुए।
युवाओं को पीएम ने क्या मंत्र दिया
- "लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। इंडिविजुअल से इंस्टीट्यूशन्स और इंस्टीट्यूशन्स से इंडिविजुअल का चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है।"
- "स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।"
- "ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।"
स्वामी विवेकानंद पर क्या कहा?
- "समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं।"
राजनीति में वंशवाद पर बोला हमला
- "राजनीतिक वंशवाद, नेशन फर्स्ट के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मजबूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है।"
- "अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।"
देश के युवाओं को खास काम दिया
- "कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।"
- "पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती। लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है।"
राजनीति में आने के लिए क्या जरूरी
- "ऑनेस्टी और परफॉर्मेंस आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी लिगेसी थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।"
- "हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक वातावरण और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।"
पहला राष्ट्रीय युवा संसद कैसा था?
12 जनवरी से 27 फरवरी 2019 को पहली राष्ट्रीय युवा संसद को आयोजित किया गया था। इसमें 88,000 युवाओं ने हिस्सा लिया था। इसका विषय 'भारत की नई आवाज बनें और नीति के लिए समाधान एवं योगदान खोजें' था। दूसरा राष्ट्रीय युवा संसद वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जा रहा है। 23 दिसंबर, 2020 को इसे आयोजित किया गया। इसमें 2.34 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया। इसके बाद 1 से 5 जनवरी, 2021 तक वर्चुअल माध्यम से राज्य युवा संसदों द्वारा इसका अनुसरण किया गया।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव क्या है?
राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन हर साल 12 से 16 जनवरी को किया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्देश्य देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा का परिचय देने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना है; जहां एक लघु भारत का निर्माण करते हुए युवा औपचारिक और अनौपचारिक रूप से अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक विशिष्टता पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।