सार
देश आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के राजपथ पर मंगलवार को ऐतिहासिक परेड निकली, जो कई मायनों में खास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई बाहरी मेहमान मौजूद नहीं होगा। अक्सर किसी देश का राष्ट्रप्रमुख ऐसे मौके पर मेहमान होता है, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार ऐसा नहीं होगा।
नई दिल्ली. देश आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के राजपथ पर मंगलवार को ऐतिहासिक परेड निकली, जो कई मायनों में खास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई बाहरी मेहमान मौजूद नहीं होगा। अक्सर किसी देश का राष्ट्रप्रमुख ऐसे मौके पर मेहमान होता है, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार ऐसा नहीं होगा।
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राजपथ पर गरजा राफेल : राजपथ पर सबसे खास राफेल रहा। एकलव्य फॉर्मेशन की अगुवाई लड़ाकू विमान राफेल ने किया। राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग 29 लड़ाकू विमान था। फॉर्मेशन के कप्तान ग्रुप कैप्टन रोहित कटारिया, फ्लाइट लेफ्टिनेंट 17 स्क्वाड्रन थे।
आसमान में गरजे लड़ाकू विमान : फ्लाइ पास्ट की शुरुआत रूद्र फॉर्मेशन से हुई। एक डकोटा वायुयान, दो एमआई 17 हेलिकॉप्टरों के साथ फॉर्मेशन किया गया, जिसे विंग कमांडर मुकुल खरे और स्वाड्रन लीडर राठौर ने कमान संभाली।
आसमान में सुदर्शन फॉर्मेशन : सुदर्शन फॉर्मेशन में एक चिनूक और दो MI-17 हेलिकॉप्टर थे। चिनूक हेलिकॉप्टर सुदूर स्थित हर तरह के वजन को ले जाने में सक्षम है। इस फॉर्मेशन का नेतृत्व 126 हेलिकॉप्टर फ्लाइट के ग्रुप कैप्टन सिद्दार्थ रावत ने किया।
झांकी में कोरना वैक्सीन : कोरोना में आत्मनिर्भर भारत की थीम पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से कोरोना वैक्सीन विकास की प्रक्रिया को दर्शाया गया है।
यूपी की झांकी में राम मंदिर : राजपथ पर यूपी की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखी। झांकी में अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और सुंदरता को दिखाया गया। पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण को रचना करते दिखाया गया।
राजपथ पर नौसेना की झांकी : राजपथ पर नौसेना की भी झांकी दिखी। झांकी के पहले भाग में 5 दिसंबर 1971 की रात मिसाइल बोट्स द्वारा कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया। इसके अलावा आईएनस विक्रांत को सी हॉक और अलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन में भाग लेते हुए दिखाया गया।
राजपथ पर एनएसीज की ताकत : राजपथ पर एनएसजी ने भी ताकत दिखाई। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की एक टुकड़ी, जिसे ब्लैक कैट कमांडो के रूप में भी जाना जाता है, वह राजपथ पर दिखी।
पहली बार लद्दाख की झांकी : राजपथ पर पहली बार लद्दाख की झांकी दिखी। झांकी को संघ शासित प्रदेश घोषित करने के बाद लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाकर विश्व के लिए उदाहरणात्मक प्रदेश के विजन पर केंद्रित है।
राजपथ पर दिखी टैंक टी-90 भीष्म की ताकत : भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक टी -90 भीष्म, जिसकी कमान 54 आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन करणवीर सिंह भंगू के पास है ने सलामी दी। इसके बाद राजपथ पर ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर दिखा, जिसका नेतृत्व कैप्टन कमरुल जमान ने किया। इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त से विकसित किया गया है। इसकी अधिकतम सीमा 400 किमी है।
पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम : पिनाक को 841 रॉकेट रेजीमेंट के कैप्टन विभोर गुलाटी ने लीड किया। भगवान शिव के घनुष के नाम पर बना पिनाक एक फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है जिसकी रेंज 37.5 किलोमीटर है। पिनाक रॉकेट्स को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर से छोड़ा जाता है। लॉन्चर सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दाग सकता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में राजपथ पर तिरंगा फहराया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे। यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने यहां अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
नीचे दिख रही तस्वीर राजपथ की है। कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को दूर-दूर बैठाया गया है। कोविड सावधानियों में 1.15 लाख के बजाय राजपथ पर 25,000 लोग ही होंगे। स्कूली बच्चों की संख्या को पिछले साल 600 से घटाकर 160 कर दी गई है।
26 जनवरी के दिन क्या हुआ था?
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, तभी से इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा। देश की सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए गणतंत्र दिवस पर परेड निकाली जाती है। हर साल इस परेड में लाखों लोग शामिल होते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते सीमित संख्या में लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई है। इस गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी अतिथि परेड समारोह में शामिल नहीं हो रहा है।
कब, कहां से कहां तक परेड होगी?
मंगलवार को परेड सुबह 9.50 विजय चौक से निकलेगी। यहां से नेशनल स्टेडियम जाएगी। झांकी विजय चौक से शुरू होकर लाल किले की ओर बढ़ेगी। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण समारोह सुबह 9 बजे होगा।
विजय चौक से परेड शुरू होकर राजपथ, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट, तिलक मार्ग से गुजरेगी।
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दिल्ली में ट्रैफिक मूवमेंट कैसा रहेगा?
परेड जहां से होकर गुजरेगी, उन जगहों पर ट्रैफिक मूवमेंट बंद रहेगा। सोमवार सुबह 6 बजे से विजय चौक पर परेड खत्म होने तक ट्रैफिक पर रोक है। वहीं, दिल्ली पुलिस के मुताबिक, राजपथ पर सोमवार से क्रॉस ट्रैफिक पर रोक रहेगी।
वहीं, इंडिया गेट मंगलवार सुबह 5 बजे से परेड खत्म होने तक बंद रहेगा। इसके अलावा तिलक नगर, बहादुर शाह जफर मार्ग और सुभाष मार्ग पर भी ट्रैफिक बंद रहेगा।
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कैसी है सुरक्षा व्यवस्था?
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा हजारों सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। दिल्ली में चप्पे चप्पे की निगरानी कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है। इसके अलावा किराएदार, नौकरों, पुरानी कारों की खरीद फरोख्त करने वाले डीलरों, सिम कार्ड डीलरों का सत्यापन किया गया है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड पर कड़ी सुरक्षा की गई है। इसके अलावा होटलों को निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि नजर आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दी जाए।
इसके अलावा पुलिस ने परेड क्षेत्र में पैरा मोटर्स, पैरा ग्लाइडर, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, पैरा जंपिंग पर रोक लगाई है।
सिर्फ 25000 लोगों को परेड देखने की अनुमति
1- इस साल सिर्फ 25000 लोगों को परेड देखने की अनुमति दी गई है। जबकि पिछले साल 150,000 लोगों ने राजपथ पर परेड को देखा था। वहीं, इस बार 300 की जगह 200 मीडिया कर्मी इसमें शामिल हो पाएंगे।
2- इस बार दर्शकों को बहुत कुछ नया दिखने वाला है। जवान मास्क पहने नजर आएंगे। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए परेड में इस बार दस्ते की चौड़ाई भी कम होगी। हर दस्ते में अभी तक 144 लोग मौजूद रहते थे, इस बार यह संख्या 96 होगी।
3- कोरोना के चलते परेड की लंबाई कम की गई है। इस बार परेड विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी। जबकि हर साल गणतंत्र दिवस परेड राजपथ से लालकिले तक जाती थी। कोरोना के चलते परेड में कई बदलाव किए गए हैं। इस बार परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर से घटनाकर 3.3 किलोमीटर की गई है।
4- 5 दशकों में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड पर कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहले भारत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था। लेकिन बाद में कोरोना महामारी के चलते उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस पर कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं हुआ था।