सार

प्रधानमंत्री ने आईसीआरआईएसएटी की 50वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री पौधा संरक्षण पर आईसीआरआईएसएटी के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और आईसीआरआईएसएटी की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया। ये दो केन्द्र एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के छोटे किसानों को समर्पित हैं।

नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) शनिवार को हैदराबाद (Hyderabad visit) दौरे पर हैं। हैदराबाद पहुंचे पीएम ने पाटनचेरु में आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) परिसर पहुंचे। यहां आईसीआरआईएसएटी की 50 वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया। पीएम मोदी ICRISAT परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पीएम मोदी ने पौधा संरक्षण पर ICRISAT के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और ICRISAT की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ICRISAT के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया और इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। पीएम शाम पांच बजे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का लोकार्पण करेंगे।

पीएम बोले-आपके अनुभव का लाभ किसानों को मिले यह प्रयास होना चाहिए

पीएम मोदी ने ICRISAT के गोल्डेन जुबली कार्यक्रम का उद्धाटन करते हुए कहा कि आपके पास 5 दशकों का अनुभव है। इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है। उन्होंने भारत ने climate challenge से निपटने के लिए दुनिया से इस पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो का टारगेट तो रखा ही है, हमने LIFE- Lifestyle for Environment की ज़रूरत को भी हाईलाइट किया है। Pro planet people एक ऐसा मूवमेंट है जो क्लाइमेट चैलेंज से निपटने के लिए हर community को, हर Individual को climate responsibility से जोड़ता है। ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत सरकार के एक्शन्स में भी रिफ्लेक्ट होता है। 

भारत में 15 एग्रो क्लाइमेट जोन्स हैं: पीएम 

उन्होंने कहा कि भारत में 15 Agro-Climatic Zones हैं। हमारे यहां, वसंत,  ग्रीष्म,  वर्षा,  शरद,  हेमंत और शिशिर, ये 6 ऋतुएं भी होती हैं। यानि हमारे पास एग्रीकल्चर से जुड़ा बहुत विविध और बहुत प्राचीन अनुभव है। Climate challenge से अपने किसानों को बचाने के लिए हमारा फोकस back to basics और march to future, दोनों के फ्यूजन पर है। हमारा फोकस देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों पर है, जिनको हमारी सबसे अधिक ज़रूरत है। बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है- डिजिटल एग्रीकल्चर। ये हमारा फ्यूचर है और इसमें भारत के टेलेंटेड युवा, बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं। डिजिटल टेक्नॉलॉजी से कैसे हम किसान को empower कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं। एक तरफ हम water conservation के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को irrigation के दायरे में ला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, हम कम सिंचित क्षेत्रों में Water use Efficiency बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर जोर दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारत में हम FPOs और एग्रीकल्चर वैल्यू चेन के निर्माण पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। देश के छोटे किसानों को हज़ारों FPOs में संगठित करके हम उन्हें एक जागरूक और बड़ी मार्केट फोर्स बनाना चाहते हैं।

ICRIST की 50वीं वर्षगांठ समारोह

संबोधन के पहले प्रधानमंत्री ने आईसीआरआईएसएटी की 50वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री पौधा संरक्षण पर आईसीआरआईएसएटी के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और आईसीआरआईएसएटी की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया। ये दो केन्द्र एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के छोटे किसानों को समर्पित हैं। प्रधानमंत्री आईसीआरआईएसएटी के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिन्ह का भी अनावरण करने के साथ इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

ICRIST एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन

आईसीआरआईएसएटी एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करता है। यह किसानों को बेहतर फसल की किस्में और संकर प्रजाति प्रदान करके मदद करता है और शुष्क भूमि में छोटे किसानों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद करता है।

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