सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अग्निवीरों से बातचीत(interacted with Agniveers) की, जो आर्म्ड फोर्स के लिए शार्ट टर्म इंडक्शन प्रोग्राम के तहत भर्ती करने वाली शुरुआती टीमों में शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अभ्यास में शामिल हुए।
नई दिल्ली(New Delhi). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अग्निवीरों से बातचीत(interacted with Agniveers) की, जो आर्म्ड फोर्स के लिए शार्ट टर्म इंडक्शन प्रोग्राम के तहत भर्ती करने वाली शुरुआती टीमों में शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अभ्यास में शामिल हुए। पिछले साल 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के तहत, तीनों सेनाएं साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती कर रही हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है।
अग्निवीर फर्स्ट बैच: जानिए पूरी डिटेल्स...
2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया था। विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है, लेकिन सरकार ने कहा है कि वह सशस्त्र बलों को और अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी।
बता दें कि तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना, नौसेना) में बंपर भर्ती होने जा रही है। तीनों सेनाओं में 1.35 लाख पद खाली बताए जाते हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि 1 जुलाई 2022 तक के डाटा के अनुसार थल सेना में सबसे अधिक (1.18 लाख) पद खाली हैं। नौसेना में 30 नवंबर तक के डाटा के अनुसार 11,587 पद खाली हैं। वायु सेना में 1 नवंबर 2022 तक के डाटा के अनुसार 5,819 पद खाली हैं। इनमें एयरमैन और गैर लड़ाकू पद शामिल हैं।
अग्निपथ योजना के तहत होगी भर्तियां
अजय भट्ट ने संसद में कहा था कि2022 में भारतीय सेना में जेसीओ/ओआर के लिए 40000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया है। नौसेना में अग्निवीरों के लिए 3,000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया है। वायु सेना में अग्निवीर के रूप में 3,000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया। जवानों के स्तर पर सभी भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत की जा रही हैं। हर साल तीनों सेवाओं में औसतन 60,000 रिक्तियां होती हैं। इनमें से लगभग 50,000 रिक्तियां सेना के लिए होती हैं। अजय भट्ट ने बताया था कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल में भर्ती रैलियां आयोजित नहीं हो सकी थीं। इसके चलते सेना में 1,08,685 जवानों की कमी हो गई।
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