सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सुधारों का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, छात्रों, शिक्षकों को संबोधित किया।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुधारों का एक साल पूरा हुआ है. शिक्षा सुधारों की पहली वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कई नई योजनाओं एकेडिमक बैंक ऑफ क्रेडिट के अलावा राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचे और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम आदि का शुभारंभ किया है। इस अवसर पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि अब न राह चुनने में युवाओं को कोई झिझक या डर होगी न ही भाषाई विभाजन उनके करियर को खराब करेगा। नई शिक्षा नीति के सुधार युवाओं को पंख देंगे जो न्यू इंडिया गढ़ेगा।
गांव-कस्बों से निकला युवा अब दुनिया जीत रहा
नई शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छोटे कस्बों और गांवों से निकलकर युवा कैसे कैसे कमाल कर रहे हैं यह हम आसानी से देख सकते हैं। हम टोक्यों ओलंपिक में भी देख सकते हैं कि भारत के सुदूर इलाकों से निकले युवा भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर मशीन लर्निंग तक में युवा में अपना परचम लहराने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यही युवा भारत के स्टार्टअप सिस्टम में क्रांति ला रहे हैं। डिजिटिल इंडिया को नई गति दे रहे हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब इस युवा पीढ़ी को अपने सपनों के अनुरूप वातावरण मिलेगा तो उनकी शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी।
अब राह चुनना होगा आसान, बेझिझक आगे बढ़ेगा देश का युवा
पीएम मोदी ने कहा कि अब युवाओं को भविष्य को लेकर कोई डर नहीं रहेगा। उसे कभी भी अपनी स्ट्रीम बदलने की आजादी होगी। उसे यह डर नहीं सताएगा कि यदि उन्होंने कोई एक स्ट्रीम चुन ली तो फिर उसे बदल नहीं पाएंगे। पीएम मोदी ने बताया कि एक साल के भीतर देश के 1,200 से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों ने स्किल इंडिया से जुड़े कोर्सों की शुरुआत की है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी भाषा में हो सकेगी
पीएम मोदी ने बताया कि भाषा अब पढ़ाई में आड़े नहीं आएगी। स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देते हुए ग्यारह भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का निर्णय लिया गया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब तमिल, मराठा, बांग्ला समेत 5 भाषाओं में शुरू होने वाली है। भविष्य में 11 और भाषाओं में कोर्स प्रारंभ करेंगे।
बृहस्पतिवार की शाम को शुरू हुए वर्चुअल कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 से लड़ रही थी तो हम महामारी से जूझते हुए शिक्षा क्षेत्र नई इबारत लिख रहे थे जो देश को नये ढंग से गढ़ने में मददगार साबित होता। आज उस नीति का एक साल पूरा हो रहा है। इस एक साल में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले।
कार्यक्रम में देशभर के शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, छात्रों, शिक्षकों की उपस्थिति रहे।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का होगा शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम के दौरान एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का शुभारंभ किया। यह उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प प्रदान करेगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए जाएंगे।
इन योजनाओं का हुआ शुभारंभ
पीएम मोदी द्वारा आज शुरू की गई स्कीम में ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का प्ले आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल है जिसे विद्या प्रवेश का नाम दिया गया है। माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा का शुभारंभ किया गया। यह एनआईएसएचटीएचए 2.0, एनसीआरटी द्वारा डिजाइन किया गया। इसके अलावा शिक्षक प्रशिक्षण का एक एकीकृत कार्यक्रम-सफल, सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और एक वेबसाइट, जो पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी शुरू किया गया।
राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचे और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम का शुभारंभ
इस कार्यक्रम राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचे और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम को भी शुरू किया गया। यह एनईपी 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शिक्षा क्षेत्र को अधिक जीवंत और सुगम बनाने में मदद मिलेगी। एनईपी, 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने वाला, शिक्षा को समग्र बनाने और एक आत्मानिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में है।