सार

शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अटल टनल (सुरंग) का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि "अब देश में नई सोच के साथ काम हो रहा है। सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है। अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं। अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाए, पीछे न रह जाए। इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है।"

मनाली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अटल टनल (सुरंग) का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी मौजूद रहे। करीब 9 किमी लंबी यह टनल हिमाचल के मनाली को लद्दाख के लेह से जोड़ती है। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि "अब देश में नई सोच के साथ काम हो रहा है। सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है। अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं। अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाए, पीछे न रह जाए। इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है।"

क्या खास है अटल टनल में?

अटल टनल 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी टनल है। इस टनल का नाम 'अटल टनल' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। इस टनल की वजह से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किमी कम हो गई है। इसे बनाने में करीब 10 साल का वक्त लगा है। टनल को पहले 2015 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन ये 2019 में बनकर तैयार हुई। इस टनल के माध्यम से रोजाना यहां से करीब 3000 से ज्यादा कारें और 1500 ट्रक आवाजाही कर सकेंगे। भारी बर्फबारी के कारण इस टनल के निर्माण का काम साल में छह महीने बंद रहता था। टनल के निर्माण में करीब 3,300 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

पूरा हुआ अटलजी का सपना 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1983 में इंदिरा गांधी की सरकार ने मनाली और लेह के बीच सड़क बनाने की कल्पना की थी। लेकिन, 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इस टनल को बनाने की घोषणा कर दी थी और इस टनल के लिए इसकी नींव रख दी गई थी। इसके बाद इसे बनाने की प्रक्रिया सितंबर 2009 में शुरू हुई, जिसके 10 साल बाद ये अब बनकर तैयार हो चुकी है और इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। इस तरह से अटल जी के द्वारा देखे सपने को पीएम मोदी ने पूरा किया। 

यह सुरंग को सामरिक तौर पर भी काफी अहम माना जा रहा है। इसे 2015 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह इतना आसान नहीं था। टनल को बनाने के लिए देश के इंजीनियरों और मजदूरों को 10 साल की कड़ी मेहनत करनी पड़ी।  

संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि 'अटल जी के जाने के बाद इस काम को भुला दिया गया। साल 2013 में सिर्फ डेढ़ किलोमीटर का काम ही हो सका। एक्सपर्ट ने बताया, जिस रफ्तार से काम हो रहा था उस रफ्तार से होता तो साल 2040 में टनल पूरी हो पाती। साल 2014 के बाद इसे बनाने में तेजी लाई गई। बीआरओ के सामने आने वाली दिक्कत को हल किया गया। हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, बाद में उसकी गति बढ़ाकर 1400 मीटर प्रति वर्ष कर दिया गया। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर दिया।'

 

पूरा हुआ पूर्व प्रधानमंत्री का सपना, PM Modi ने दुनिया की सबसे लंबी सुरंग का किया उद्घाटन

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